UP: पुलिस बनी पार्टनर, चोर बने मास्टरमाइंड! भूसे के ढेर और खेत से निकले नोटों के बंडल

Published : Apr 07, 2025, 01:52 PM IST
UP Crime News baghpat atm scam 5 crore cash missing cms company employees arrested

सार

CMS cash management fraud: बागपत में एटीएम से 5.26 करोड़ रुपये गायब! सीएमएस कंपनी के कर्मचारी ही निकले घोटाले के मास्टरमाइंड। पुलिस ने जमीन खोदकर बरामद किया कैश, चंडीगढ़ पुलिस भी मिलीभगत में!

Baghpat ATM cash scam: उत्तर प्रदेश का बागपत जिला इन दिनों एक सनसनीखेज घोटाले को लेकर सुर्खियों में है। यहां एटीएम मशीनों में डालने के लिए भेजी गई 5.26 करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम अचानक गायब हो गई। शुरुआत में यह एक साधारण तकनीकी गड़बड़ी लगी, लेकिन जब जांच शुरू हुई तो पूरे मामले की परतें खुलती चली गईं। जैसे-जैसे पुलिस ने सच्चाई उजागर की, सामने आया कि ये कोई छोटा-मोटा फ्रॉड नहीं बल्कि पूरी तरह प्लान किया गया घोटाला था, जिसमें एटीएम कैश डालने वाले ही मुख्य आरोपी निकले।

जिन पर था सबसे ज़्यादा भरोसा, उन्होंने ही रच दिया घोटाला

यह पूरा मामला बड़ौत क्षेत्र के 24 एटीएम से जुड़ा है, जहां मार्च महीने में करोड़ों रुपये ट्रांजेक्शन में दर्ज तो हुए, लेकिन मशीनों तक पहुंचे ही नहीं। मेरठ की सीएमएस कैश मैनेजमेंट कंपनी के दो कर्मचारी – गौरव तोमर और रॉकी मलिक – जिन्हें इन एटीएम में कैश भरने की जिम्मेदारी दी गई थी, उन्होंने ही बड़ी चालाकी से रकम हड़प ली। दोनों ने नोटों को मशीनों में डालने के बजाय अपने घरों और खेतों में छुपा दिया। गौरव ने अपने घर में भूसे के ढेर के नीचे और जमीन के अंदर कैश को गाड़ दिया, जबकि रॉकी ने खेत में गड्ढा खोदकर वहां रकम दबा दी थी।

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सीएमएस मैनेजर की नजर पड़ी तो खुली पोल

इस गड़बड़ी की भनक सीएमएस कंपनी के मैनेजर योगेंद्र सिंह को तब लगी जब उन्होंने ट्रांजेक्शन रिपोर्ट और कैश डिलीवरी के आंकड़ों में अंतर पाया। संदेह गहराया तो उन्होंने बड़ौत कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई और फिर शुरू हुई पुलिसिया कार्रवाई। पूछताछ में जैसे ही गौरव और रॉकी से सवाल किए गए, उन्होंने पूरी साजिश उगल दी। उनके बताए ठिकानों पर पुलिस पहुंची और जब खुदाई शुरू हुई तो जमीन के नीचे से करोड़ों की गड्डियाँ निकलनी शुरू हो गईं। मानो कोई पुराना ख़जाना खोजा जा रहा हो।

गिरफ्तारी से बचने के लिए रची फिल्मी साजिश, चंडीगढ़ पुलिस भी शामिल

घोटाले का खुलासा यहीं तक नहीं रुका। आरोपियों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए एक और चालाकी भरा प्लान बनाया। उन्होंने चंडीगढ़ निवासी मनीष के जरिए स्थानीय पुलिस से संपर्क साधा और खुद को अवैध हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार करवा दिया ताकि एटीएम कैश घोटाले से ध्यान भटका रहे। इस पूरे खेल में चंडीगढ़ पुलिस के तीन अधिकारी भी शामिल पाए गए – इंस्पेक्टर जसविंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल सतीश और सिपाही समुंदर। बागपत पुलिस ने मनीष समेत इन सभी पुलिसकर्मियों को भी हिरासत में लिया और बी वारंट के तहत जेल भेजा।

पूछताछ और आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने पहले गौरव के घर पर दबिश दी, जहां भूसे में छुपा कैश मिला। फिर रॉकी के खेत में खुदाई की गई और वहां भी भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ। कुल मिलाकर पुलिस ने लगभग 5 करोड़ रुपये की नगदी बरामद कर ली है। इससे पहले मनीष से भी 50 हजार रुपये की रकम बरामद की गई थी।

एसपी बोले – रिमांड पर खुली बड़ी साजिश, सभी आरोपी अब सलाखों के पीछे

बागपत एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने पूरे मामले में खुलासा करते हुए बताया कि सभी आरोपियों को पीसीआर रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की गई। पूछताछ में मिले सुरागों ने पुलिस को बड़ी कामयाबी दिलाई है। आरोपियों के जेल भेजे जाने के साथ-साथ अब इस पूरे घोटाले से जुड़े और लोगों की भी तलाश की जा रही है।

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