
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को डीप टेक (Deep Tech) में अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इस दिशा में आईआईटी कानपुर सक्रिय भूमिका निभा रहा है। लक्ष्य है कि राज्य को टैलेंट, टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप्स के आधार पर भारत की डीप टेक कैपिटल बनाया जाए। मुख्यमंत्री का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारत को तकनीकी महाशक्ति बनाने में उत्तर प्रदेश की भूमिका अहम होगी। इसी सोच के तहत योगी सरकार चाहती है कि उत्तर प्रदेश न सिर्फ स्टार्टअप इकोसिस्टम में अग्रणी बने, बल्कि पूरे देश के लिए इनोवेशन का इंजन साबित हो।
आईआईटी कानपुर ने इस विज़न को साकार करने के लिए ठोस लक्ष्य तय किए हैं। योगी सरकार की प्रतिबद्धता, आईआईटी कानपुर की विशेषज्ञता और एल्युमनी नेटवर्क की ताकत मिलकर उत्तर प्रदेश को एक नए तकनीकी युग में ले जाएगी। डीप टेक आधारित यह विज़न न सिर्फ राज्य, बल्कि पूरे देश को तकनीकी प्रगति की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।
मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को आईआईटी कानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत का पहला डीप टेक भारत 2025 उत्तर प्रदेश में आकार लेगा। इसके लिए एक बड़े शिखर सम्मेलन (Summit) की आवश्यकता है, जिसमें देशभर के वैज्ञानिक, शोधकर्ता और स्टार्टअप मिलकर एक मजबूत रोडमैप तैयार करें।
उन्होंने कहा कि इस पहल का केंद्र आईआईटी कानपुर होना चाहिए, क्योंकि यह पहले से ही डीप टेक इनोवेशन में अग्रणी है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि गौतमबुद्ध नगर जिले में डीप टेक हब के लिए भूमि आवंटित कर दी गई है। इसके निर्माण में डीआरडीओ, इसरो और अन्य शीर्ष संस्थाओं के सहयोग से इसे साकार किया जाएगा।
IIT कानपुर मुख्यमंत्री योगी के इस महत्वाकांक्षी मिशन का नेतृत्व कर रहा है। यहां पहले से ही सैकड़ों स्टार्टअप्स इनक्यूबेट हो रहे हैं और गहन वैज्ञानिक अनुसंधान से नई खोजों पर काम चल रहा है।
एक सर्वे के अनुसार:
यह साफ दिखाता है कि IIT कानपुर का एल्युमनी नेटवर्क डीप टेक विज़न को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
आज उत्तर प्रदेश तेजी से डीप टेक स्टार्टअप कैपिटल की ओर बढ़ रहा है। 250 से अधिक डीप टेक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट करने का लक्ष्य रखा गया है। इनका कुल वैल्यूएशन 2.5 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा होने का अनुमान है। इन स्टार्टअप्स से 10,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे। इससे प्रदेश के युवाओं को राज्य में ही रोजगार के अवसर मिलेंगे और स्थानीय टैलेंट को बाहर जाने से रोका जा सकेगा। यह प्रक्रिया राज्य को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगी।
योगी सरकार का यह विज़न उत्तर प्रदेश को केवल उपभोक्ता राज्य से उत्पादक और इनोवेशन-ड्रिवन राज्य में बदलने का प्रयास है। यहां रिसर्च और डेवलपमेंट से जुड़ी परियोजनाएं केवल प्रयोगशाला तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि उन्हें प्रोडक्ट में बदलकर सीधे बाजार तक पहुंचाया जाएगा। यही प्रक्रिया उत्तर प्रदेश को आने वाले वर्षों में भारत का इनोवेशन इंजन बना देगी और देश को नई तकनीकी दिशा दिखाएगी।
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