
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में शामिल उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) अब तेजी से जमीन पर उतर रहा है। देश को रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य से शुरू की गई इस योजना में अब तक 62 कंपनियों को 977.54 हेक्टेयर से अधिक भूमि आवंटित की गई है। इन कंपनियों के जरिए 11,997.45 करोड़ रुपये का निवेश और 14,256 प्रत्यक्ष रोजगार सृजन का मार्ग साफ हो चुका है। साथ ही, 110 कंपनियों के साथ एमओयू की प्रक्रिया जारी है, जिससे लगभग 23,000 करोड़ रुपये का निवेश और 38,000 से अधिक रोजगार मिलने की उम्मीद है।
UPEIDA ने डिफेंस कॉरिडोर के छह नोड्स- अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट और आगरा—में कुल 2,097 हेक्टेयर से अधिक भूमि को मंजूरी दी है। इनमें से 2,040 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा किया जा चुका है। वर्तमान में 1,598.92 हेक्टेयर भूमि आवंटन के लिए उपलब्ध है।
इस गति से यूपी का डिफेंस कॉरिडोर इंडस्ट्री निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रिय मॉनिटरिंग के तहत अभी तक कॉरिडोर में कुल 197 एमओयू साइन हो चुके हैं, जिनमें 172 औद्योगिक एमओयू शामिल हैं। इन एमओयू के माध्यम से 34,844.49 करोड़ रुपये का प्रस्तावित निवेश और करीब 52,658 रोजगार सृजन की संभावना है। अगले चरण में 110 और कंपनियों के एमओयू की प्रक्रिया चल रही है, जिससे 22,847 करोड़ रुपये से अधिक निवेश और 38,000 से ज्यादा रोजगार जुड़ने की उम्मीद है।
UPEIDA के एसीईओ एच.पी. शाही के अनुसार, यूपी डिफेंस कॉरिडोर मुख्यमंत्री के विजन अनुसार तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसे “एक जिला, एक उत्पाद” और “मेक इन इंडिया” से जोड़कर एक मजबूत रक्षा विनिर्माण इकोसिस्टम विकसित किया जा रहा है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ब्रह्मोस मिसाइल की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लखनऊ नोड में स्थापित हो चुकी है, जो प्रदेश की रणनीतिक क्षमता को और मजबूत करती है। आज यूपी रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में गुजरात और तमिलनाडु जैसे प्रमुख राज्यों को कड़ी टक्कर दे रहा है। आने वाले महीनों में और बड़े प्रोजेक्ट जुड़ने की संभावना है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था “ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी” के लक्ष्य की ओर तेज गति से आगे बढ़ेगी।
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