Footwear Industry UP: उत्तर प्रदेश फुटवियर और लेदर नीति 2025 से पूर्वी यूपी और बुंदेलखंड में निवेश और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। भूमि व पूंजीगत सब्सिडी से औद्योगिक विकास और प्रदेश की वैश्विक पहचान मजबूत होगी।
UP Leather Policy: उत्तर प्रदेश के औद्योगिक मानचित्र पर अब नया बदलाव देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नई नीति UP Footwear Leather Policy 2025 के तहत मध्यांचल, पूर्वांचल और बुंदेलखंड को विशेष प्रोत्साहन मिलेगा। यह कदम प्रदेश में निवेश, रोजगार और औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
क्यों खास है यह नीति? (UP Footwear Leather Policy 2025)
पूर्वी यूपी और बुंदेलखंड में उद्योगों की स्थापना की लागत अक्सर अधिक मानी जाती है। इसी चुनौती को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने भूमि और पूंजीगत सब्सिडी में विशेष रियायतें दी हैं। नीति का उद्देश्य सिर्फ निवेश बढ़ाना नहीं, बल्कि इन पिछड़े क्षेत्रों को औद्योगिक मानचित्र पर अलग पहचान दिलाना भी है।
एलाइड लेदर यूनिट को पूरे प्रदेश में 25% पूंजीगत सब्सिडी मिलेगी, लेकिन पूर्वी यूपी, मध्यांचल और बुंदेलखंड को प्राथमिकता दी जाएगी।
मेगा एंकर यूनिट और क्लस्टर को 35% पूंजीगत सब्सिडी, अधिकतम 700 करोड़ रुपये (5 वर्षों में) तक लाभ मिलेगा।
सालाना लाभ की सीमा 140 करोड़ रुपये रखी गई है।
रोजगार और निवेश में कैसे आएगी तेजी? (Employment and Industrial Development)
इस नीति से लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी, चित्रकूट, आजमगढ़ और बांदा जैसे जिलों को सीधा लाभ मिलेगा।
स्थानीय युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
प्रदेश की वैश्विक पहचान फुटवियर और लेदर उत्पादों के प्रमुख निर्यातक के रूप में मजबूत होगी।
निवेश के नए अवसर और औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से Eastern Uttar Pradesh और Bundelkhand आर्थिक दृष्टि से सशक्त बनेंगे।
इस नीति के लागू होते ही पूर्वी यूपी और बुंदेलखंड में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी। स्थानीय युवा रोजगार के अवसर प्राप्त करेंगे और प्रदेश निवेश के नए केंद्र के रूप में उभरकर देश-विदेश में अपनी पहचान बनाएगा। यह नीति सिर्फ उद्योगों का विकास नहीं, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था के लिए एक नई राह भी खोल रही है।
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