
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में मीट कारोबारियों के ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग की टीम ने प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी छापेमारियों में से एक रेड ये भी की है। बुलंदशहर, संभल और गाजियाबाद जिलों की फैक्ट्रियों और ठिकानों पर सोमवार को कार्रवाई हुई। इस छापेमारी में लगभग 100 गाड़ियों और 200 अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम शामिल थी। सबसे पहले बरेली में नरियावल स्थित रहबर फूड मीट फैक्ट्री पर रेड की गई। सुबह करीब 6 बजे तीन गाड़ियों में टीम फैक्ट्री के अंदर दाखिल हुई और गेट बंद कर दिया। कर्मचारियों और अधिकारियों के मोबाइल जब्त कर लिए गए और दस्तावेजों की गहन जांच शुरू कर दी गई।
सबसे पहले बरेली जिले के नरियावल स्थित रहबर फूड मीट फैक्ट्री पर सुबह 6 बजे रेड शुरू हुई। तीन गाड़ियां फैक्ट्री में दाखिल हुई और गेट बंद कर दिया गया। सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए और दस्तावेजों की गहन जांच शुरू कर दी गई।
संभल जिले में भी इनकम टैक्स टीम ने एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की। सुबह चार आयकर टीम के वाहन मौके पर पहुंचे। टीम ने फैक्ट्री और मीट कारोबारी की कोठी की जांच की। यह रेड जिले की अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी मानी जा रही है। देर रात तक दस्तावेजों की जांच जारी रही।
बुलंदशहर के खुर्जा में हापुड़ निवासी हाजी यासीन की मीट फैक्ट्री पर रेड चली। टीम ने 7 घंटे तक फैक्ट्री का निरीक्षण किया। फैक्ट्री के अंदर से कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए। स्थानीय लोगों के अनुसार, रेड के दौरान पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। यह रेड मुंडाखेड़ा रोड स्थित अग्रियोटेक फूड्स लिमिटेड में हुई।
गाजियाबाद के डासना मसूरी स्थित इंटरनेशनल फूड एग्रो लिमिटेड फैक्ट्री में भी देर रात तक छापेमारी हुई। फूड डिपार्टमेंट की टीम भी इनकम टैक्स अधिकारियों के साथ थी। इस रेड में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज टीम ने अपने कब्जे में ले लिए।
क्या मीट कारोबारियों ने टैक्स नियमों का उल्लंघन किया है? क्या डिजिटल रिकॉर्ड में कोई बड़ा घोटाला छुपा हुआ है? इन सभी सवालों के जवाब अब इनकम टैक्स टीम की जांच से ही सामने आएंगे। इस रेड ने यूपी में मीट कारोबारियों और प्रशासनिक अधिकारियों में हलचल मचा दी है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की कार्रवाई व्यापारिक पारदर्शिता और नियमों की याद दिलाने के लिए की जाती है।
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