
UP pension beneficiary verification: उत्तर प्रदेश के लाखों बुजुर्गों को लंबे इंतजार के बाद आखिरकार राहत की खबर मिल गई है। जिन वरिष्ठ नागरिकों को पिछले कुछ महीनों से वृद्धावस्था पेंशन का इंतजार था, उनके बैंक खातों में 15 जुलाई तक 3000 रुपये की राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी। यह राशि वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही की पेंशन है, जिसकी प्रक्रिया बीते सप्ताह शुरू हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इस साल समाज कल्याण विभाग को अतिरिक्त बजट आवंटित किया गया है, जिससे करीब 6.50 लाख नए बुजुर्गों को इस योजना से जोड़ा गया। इसके साथ ही इस तिमाही में राज्यभर में 67.50 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन का लाभ मिलने जा रहा है। सरकार की मंशा स्पष्ट है,कोई पात्र व्यक्ति इस योजना से वंचित न रहे।
पेंशन वितरण से पहले हुए डोर-टू-डोर सत्यापन अभियान में 1.50 लाख बुजुर्गों को सूची से बाहर कर दिया गया है। इनमें वे लोग शामिल हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, जिनकी आय सरकारी सीमा से अधिक हो गई है।या जो वास्तव में 60 वर्ष से कम उम्र के थे और फर्जी दस्तावेजों से पेंशन ले रहे थे। इतना ही नहीं, विधवा पेंशन योजना में भी 40,000 से अधिक अपात्र नामों को हटाया गया है।
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अगर आप उत्तर प्रदेश वृद्धावस्था पेंशन योजना के लाभार्थी हैं और जानना चाहते हैं कि आपकी पेंशन इस तिमाही में आ रही है या नहीं, तो निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करें:
अगर आपका नाम सूची में नहीं है, तो तुरंत संबंधित अधिकारी या ग्राम पंचायत सचिव से संपर्क करें।
उत्तर प्रदेश की वृद्धावस्था पेंशन योजना उन बुजुर्गों के लिए एक संबल है जो या तो परिवार से अलग रहते हैं या जिनके पास कोई स्थायी आमदनी का स्रोत नहीं है। ₹3000 की यह त्रैमासिक राशि उनकी दवाइयों, भोजन और अन्य आवश्यकताओं में बड़ी मदद बनती है।
सरकार की इस पहल से साफ है कि बुजुर्गों की गरिमा और वित्तीय सुरक्षा अब प्राथमिकता है। पेंशन योजना में पारदर्शिता बढ़ाने और अपात्र लोगों को हटाने का कदम इसे और प्रभावशाली बना रहा है। ऐसे में अगर आप या आपके परिजन इस योजना के लाभार्थी हैं, तो वेबसाइट पर जाकर तुरंत अपना नाम चेक करें, ताकि 15 जुलाई को पेंशन सीधे खाते में पहुंच जाए।
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