यूपी में आरटीई से बदली तस्वीर, 1.40 लाख बच्चों को मिला निजी स्कूलों में मौका

Published : Dec 23, 2025, 06:50 PM IST
up rte private school admission record 2025

सार

उत्तर प्रदेश में आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में दाखिले का नया रिकॉर्ड बना है। सत्र 2025-26 में अब तक 1.40 लाख से अधिक बच्चों को प्रवेश मिला। योगी सरकार की पारदर्शी ऑनलाइन व्यवस्था से वंचित वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से जोड़ा जा रहा है।

सरकारी योजनाएं जब ज़मीन पर असर दिखाने लगें, तो उनके आंकड़े खुद कहानी कहने लगते हैं। उत्तर प्रदेश में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी विद्यालयों में दाखिले के आंकड़े यही संकेत दे रहे हैं। योगी सरकार की नीतियों और पारदर्शी व्यवस्था का परिणाम है कि वर्ष 2025-26 में अब तक 1.40 लाख से अधिक बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश मिल चुका है, जो अब तक का एक बड़ा रिकॉर्ड माना जा रहा है।

पांच वर्षों में दोगुने से अधिक हुए दाखिले

विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि बीते पांच वर्षों में आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में प्रवेश पाने वाले बच्चों की संख्या दोगुने से भी अधिक हो गई है। सत्र 2021-22 में जहां 61,403 बच्चों को प्रवेश मिला था, वहीं 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 70,406 हो गई। सत्र 2023-24 में 1,00,249 बच्चों को लाभ मिला, जबकि 2024-25 में 1,13,991 बच्चों ने निजी विद्यालयों में दाखिला लिया। चालू सत्र 2025-26 में अब तक 1,40,007 बच्चों को आरटीई के तहत प्रवेश दिया जा चुका है।

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25 प्रतिशत सीटें आरक्षित, ऑनलाइन प्रक्रिया से बढ़ी पारदर्शिता

बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि आरटीई अधिनियम के तहत गैर-सहायतित मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर एवं वंचित वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित हैं। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है, जिससे चयन और आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है। प्राप्त आवेदनों और उपलब्ध सीटों के आधार पर विद्यालय-वार आवंटन किया जाता है और उसी के अनुसार बच्चों का दाखिला कराया जाता है।

वंचित बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से जोड़ने पर जोर

सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि आर्थिक रूप से कमजोर और सामाजिक रूप से वंचित वर्ग के बच्चों को भी निजी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर मिले। बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार समावेशी शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है, ताकि हर बच्चे को समान अवसर मिल सके और शिक्षा के माध्यम से सामाजिक दूरी को कम किया जा सके।

आरटीई के तहत लगातार बढ़ते दाखिले यह संकेत दे रहे हैं कि प्रदेश में शिक्षा की पहुंच केवल सरकारी स्कूलों तक सीमित नहीं रही, बल्कि निजी विद्यालय भी अब वंचित वर्ग के बच्चों के लिए नए अवसरों के द्वार खोल रहे हैं।

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