
UP road safety improvements: उत्तर प्रदेश की सड़कों पर सफर अब पहले से कहीं ज़्यादा सुरक्षित होने वाला है। सड़क पर दौड़ते भारी वाहनों की जांच अब सिर्फ कागज़ों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अब उनकी तकनीकी हालत भी परखी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर परिवहन विभाग ने एक बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव किया है। अब संभागीय निरीक्षक (RI) को मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (MVI) में प्रमोट कर दिया गया है और उन्हें सीधे फील्ड में भेजा जाएगा।
अब तक आरआई केवल आरटीओ कार्यालयों में ही फिटनेस जांच करते थे, लेकिन अब उन्हें सड़कों पर जाकर वाहनों की तकनीकी स्थिति का निरीक्षण करने का अधिकार मिल गया है। परिवहन आयुक्त बृजेश नारायण सिंह के नए आदेश के बाद यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू हो रही है।
सड़क पर चलते समय अब हर वाहन पर होगी पैनी नजर! MVI को जो नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, वे सीधे तौर पर सड़क सुरक्षा से जुड़ी हैं:
अब जांच का दायरा केवल फिटनेस सेंटर तक सीमित नहीं रहेगा। मौके पर जाकर यह कार्यवाही की जाएगी।
अब तक आरटीओ (प्रवर्तन) और एआरटीओ ही सड़कों पर वाहनों की जांच करते थे, लेकिन उनका ध्यान केवल कागज़ी प्रक्रिया—जैसे ओवरलोडिंग, ओवर स्पीडिंग और परमिट जांच—तक सीमित था। तकनीकी खराबी वाले वाहन अकसर इन प्रक्रियाओं से बच निकलते थे। अब नए MVI सड़क पर उतरकर वाहन की असल स्थिति का पता लगाएंगे।
इस नई व्यवस्था से सबसे अधिक असर बड़े व्यावसायिक वाहनों पर पड़ेगा जैसे:
अब कोई भी वाहन बिना सही तकनीकी स्थिति के सड़कों पर नहीं दौड़ सकेगा।
यह बदलाव सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि एक ‘सड़क सुरक्षा मिशन’ का हिस्सा है। अनफिट वाहनों को सड़क से हटाने के साथ-साथ यह प्रणाली यात्री सुरक्षा को नई मजबूती देगी। आने वाले समय में सड़क हादसों में भी कमी की उम्मीद की जा रही है।
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