
Stamp Duty Relief UP: क्या आपने कभी सोचा था कि घर या ज़मीन की रजिस्ट्री करते समय महिलाओं की तरह ही भूतपूर्व सैनिकों और दिव्यांगजनों को भी स्टाम्प शुल्क में राहत मिल सकती है? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को स्टाम्प एवं पंजीकरण विभाग की समीक्षा बैठक में यह बड़ा ऐलान कर दिया। इस फैसले से प्रदेशभर में हजारों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब सभी जिलों में 20,000 रुपये से अधिक निबंधन शुल्क पर ई-भुगतान को अनिवार्य किया जाएगा। पहले यह व्यवस्था 5 जनपदों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चल रही थी, लेकिन सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया गया।
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रजिस्ट्री में गड़बड़ियों और फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री ने आधार प्रमाणीकरण की सुविधा लागू करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, प्राधिकरणों के आवंटियों के लिए सिंगल विंडो ई-पंजीकरण प्रणाली शुरू करने की बात कही गई, ताकि प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो सके।
सीएम ने विभाग को निर्देश दिया कि रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाए। उनका कहना था कि पर्याप्त जनशक्ति होने से कार्यकुशलता और सेवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि 10 वर्ष तक की अवधि वाले लघु एवं मध्यम वर्ग के किराएनामों पर स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क में छूट देने पर विचार किया जा रहा है। यह कदम छोटे कारोबारियों और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है।
स्टाम्प विक्रय के अन्य विकल्पों पर विचार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वेंडरों के कमीशन को तार्किक बनाया जाए। इसका मकसद व्यवस्था को और पारदर्शी बनाना है।
बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2002 से 2017 तक के पंजीकृत विलेखों का 99 प्रतिशत डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका है। वहीं, वर्तमान में 98 प्रतिशत से अधिक निबंधन ई-स्टाम्प के माध्यम से किए जा रहे हैं। इससे न केवल पारदर्शिता आई है बल्कि लोगों का समय और धन भी बच रहा है। विभाग ने बताया कि मूल्यांकन सूची का पुनरीक्षण कर विसंगतियों को दूर किया गया है। साथ ही, उप-पंजीकरण कार्यालयों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं।
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