UP में तकनीकी क्रांति: 7 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बन रहे स्टार्टअप और इनोवेशन की नई ताकत

Published : Dec 11, 2025, 07:03 PM IST
UP centres of excellence innovation startup growth cm yogi

सार

योगी सरकार UP में नवाचार और तकनीक आधारित विकास को बढ़ावा दे रही है। राज्य में स्थापित 7 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस AI, ब्लॉकचेन, मेडटेक, टेलीकॉम और ड्रोन तकनीक जैसे क्षेत्रों में स्टार्टअप को विश्वस्तरीय सुविधाएं देकर उन्हें नई ऊंचाई तक पहुंचा रहे हैं।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से उस दिशा में आगे बढ़ रहा है, जहां नवाचार, अनुसंधान और अत्याधुनिक तकनीक विकास के मुख्य स्तंभ बनेंगे। राज्य में स्थापित 7 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भारत की तकनीकी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को तैयार हैं। ये सेंटर प्रदेश में स्टार्टअप क्रांति को नई गति दे रहे हैं और उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर इनोवेशन हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में मजबूत कदम साबित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री का स्पष्ट विज़न है कि नया उत्तर प्रदेश ज्ञान, प्रौद्योगिकी और उद्यमिता की शक्ति से आत्मनिर्भरता का नया उदाहरण बने।

थीम आधारित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को सरकार की स्वीकृति

उत्तर प्रदेश सरकार ने विभिन्न उन्नत क्षेत्रों पर आधारि‍त सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को मंजूरी दी है। ये केंद्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, मेडटेक, टेलीकॉम, ड्रोन, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। सरकार का मानना है कि इन क्षेत्रों में प्रशिक्षित युवा विश्व स्तरीय स्टार्टअप तैयार करेंगे और प्रदेश को नए रोजगार का प्रमुख केंद्र बनाएंगे।

स्टार्टअप को मिल रही अत्याधुनिक सुविधाएं

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में चयनित प्रोडक्ट-आधारित स्टार्टअप को उच्चस्तरीय लैब, को-वर्किंग स्पेस, रिसर्च सपोर्ट, प्रोडक्ट टेस्टिंग और विशेषज्ञ मेंटरशिप जैसी प्रमुख सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी प्रतिभाशाली युवा को संसाधनों की कमी के कारण पीछे न हटना पड़े। ये सेंटर न सिर्फ तकनीकी बल्कि रोजगार और नवाचार दोनों के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रहे हैं।

मजबूत वित्तीय ढांचा और आत्मनिर्भर मॉडल

सरकार ने इन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए वित्तीय सहायता का मजबूत ढांचा तैयार किया है। पूंजीगत व्यय से लेकर संचालन तक, सभी चरणों के लिए अनुदान उपलब्ध कराया गया है। सरकारी मॉडल के अनुसार, पहले पांच वर्षों तक इन सेंटरों को सहायता देकर मजबूत नींव तैयार की जाएगी। उसके बाद ये केंद्र अपने नवाचारों और उद्योग साझेदारियों के सहारे आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

तकनीक से समाज के व्यापक क्षेत्रों को लाभ

आईटी और स्टार्टअप सेक्टर के कंसलटेंट सुनील गुप्ता के अनुसार, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का प्रभाव सिर्फ तकनीकी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है। ये स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और स्वच्छता जैसे सामाजिक क्षेत्रों के लिए भी तकनीक आधारित समाधान विकसित कर रहे हैं। प्रदेश के कई शहरों में स्थापित 7 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से क्षेत्रीय विकास भी तेजी पकड़ रहा है। छोटे शहरों के युवाओं को भी अपने ही राज्य में विश्व स्तरीय सुविधाएं मिल रही हैं।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस क्या होते हैं?

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस आधुनिक अर्थव्यवस्था का इंजन माने जाते हैं। ये ऐसे विशेषीकृत संस्थान होते हैं, जो किसी उन्नत तकनीक या क्षेत्र में अनुसंधान, प्रशिक्षण, उत्पाद विकास और उद्योग सहयोग के लिए केंद्र के रूप में काम करते हैं। यहां स्टार्टअप और युवा उद्यमियों को उच्चस्तरीय लैब, प्रोडक्ट टेस्टिंग, विशेषज्ञ मार्गदर्शन और उद्योग जगत से नेटवर्किंग जैसी सुविधाएं मिलती हैं, जिससे वे अपने नवाचार को वास्तविक उत्पाद में बदल सकें।

उत्तर प्रदेश के 7 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoE)

  1. गौतमबुद्ध नगर: ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी COE
  2. लखनऊ: मेडटेक COE
  3. कानपुर नगर: टेलीकॉम COE (5G/6G)
  4. गौतमबुद्ध नगर: AI & Innovation Driven Entrepreneurship (AIIDE) COE
  5. सहारनपुर: टेलीकॉम COE (5G/6G)
  6. कानपुर नगर: अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV)/ड्रोन टेक्नोलॉजी COE
  7. गाजियाबाद: एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग COE

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