
Uttar Pradesh transport rules: महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा और प्रभावी कदम उठाया है। अब राज्य में चलने वाली टैक्सी, ऑटो, ई-रिक्शा और कैब सेवाओं (जैसे ओला-उबर) के लिए एक नया नियम अनिवार्य कर दिया गया है, जो सीधे महिला यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।
सरकार के नए आदेश के तहत अब हर वाहन के अंदर ड्राइवर का नाम और मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। यदि कोई चालक इस नियम का पालन नहीं करता है, तो उस वाहन को सड़कों पर चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह फैसला उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सिफारिशों के बाद लिया गया है।
महिला आयोग की अध्यक्ष ने हाल ही में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को पत्र लिखकर मांग की थी कि महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ड्राइवर की जानकारी गाड़ी में अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाए।
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह नियम इसलिए लाया गया है ताकि किसी भी प्रकार की असहज या आपत्तिजनक स्थिति में महिला यात्री ड्राइवर की पहचान कर सकें और जरूरत पड़ने पर संबंधित अधिकारियों को शिकायत दर्ज करा सकें। इस कदम से न केवल सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि ड्राइवरों की जिम्मेदारी और जवाबदेही भी तय होगी।
नए नियम के उल्लंघन पर विभाग ने सख्ती बरतने की चेतावनी दी है। यदि किसी वाहन में ड्राइवर की जानकारी नहीं पाई गई, तो उसका चालान किया जाएगा और आवश्यक होने पर परमिट भी रद्द किया जा सकता है। इस नियम को राज्य के सभी जिलों में तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
परिवहन विभाग का मानना है कि इस पहल से सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी और महिलाओं के भीतर सुरक्षा का विश्वास भी मजबूत होगा। यह कदम न केवल नियमों को कठोर करने वाला है, बल्कि सामाजिक सोच को भी एक सकारात्मक दिशा में मोड़ने की पहल है।
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