
उत्तर प्रदेश की तस्वीर अब केवल किताबों में नहीं, बल्कि सामने मंच पर जीती-जागती दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की औद्योगिक विकास और नवाचार पर आधारित नीतियों ने यूपी को वैश्विक पहचान देने की दिशा में बड़ी छलांग लगाई है। यही दृश्य उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS-2025) में नजर आया, जहां न सिर्फ व्यापारी और विदेशी खरीदार पहुंचे, बल्कि स्कूली बच्चों और कॉलेज छात्रों का उत्साह भी देखते ही बन रहा है। यूपीआईटीएस युवाओं और अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का केंद्र बन चुका है।
हर दिन हजारों छात्र-छात्राएं अपने शिक्षकों के साथ ट्रेड शो का भ्रमण कर रहे हैं। स्टॉल दर स्टॉल घूमते हुए वे कभी बड़े-बड़े मशीनरी सेटअप को समझते तो कभी पारंपरिक हैंडीक्राफ्ट्स का डिज़ाइन हाथों में लेकर निहारते। बच्चों की जिज्ञासा उद्यमियों के सामने भी झलक रही थी। कई जगह वे सवाल पूछते—“यह मशीन कैसे काम करती है?”, “ये प्रोडक्ट किन देशों में जाता है?” युवा पीढ़ी का यह उत्साह प्रदेश के बदलते चेहरे और औद्योगिक उड़ान का संकेत दे रहा है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार-बार “उत्तर प्रदेश को भारत का ग्रोथ इंजन” बनाने की बात कहते रहे हैं और यूपीआईटीएस उसी सपने का मूर्त रूप है। इस मंच पर न सिर्फ कारोबारी, विदेशी निवेशक और MSME पहुंचे हैं बल्कि बच्चों के सामने भी प्रदेश की नई तस्वीर रखी गई है। यहां वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) से लेकर स्टार्टअप्स और तकनीक आधारित उद्योगों तक सब कुछ प्रदर्शित किया गया है। इससे युवा देख पा रहे हैं कि कैसे उनका अपना राज्य अब केवल कृषि तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उद्योग और ग्लोबल मार्केट में भी अपनी जगह तेजी से बना रहा है।
डीआईओएस राजेश सिंह ने बताया कि छात्रों को आसानी से सभी स्टॉल तक पहुंचाने के लिए विशेष रूट मैप तैयार किया गया है, वहीं जिला प्रशासन ने स्कूल से लाने-छोड़ने की निशुल्क बस व्यवस्था भी की है। उनके भोजन-पानी का भी इंतज़ाम मुफ्त किया गया। बच्चों के लिए रोजाना क्विज कॉन्टेस्ट आयोजित किया जा रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश की औद्योगिक प्रगति और हस्तशिल्प से जुड़े सवाल पूछे जा रहे हैं। विजेताओं को अंतिम दिन सम्मानित किया जाएगा।
जिलाधिकारी मेधा रूपम ने कहा कि यूपीआईटीएस 2025 बच्चों के लिए केवल सैर-सपाटा नहीं, बल्कि सीखने और भविष्य गढ़ने का अवसर है। यहां वे देख रहे हैं कि कैसे योगी सरकार की नीतियों ने यूपी को कृषि राज्य से उद्योग और निवेश का हब बना दिया है। यह प्रेरणादायक अनुभव बच्चों को वैज्ञानिक, उद्यमी और नवप्रवर्तक बनने की राह दिखा रहा है।
जिलाधिकारी ने बताया कि महज तीन दिनों में 30 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं इस आयोजन में पहुंचे। पहले दिन 10 हजार, दूसरे दिन 12 हजार और तीसरे दिन अब तक 8 हजार बच्चे पहुंच चुके हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि बदलते उत्तर प्रदेश की झलक देखने के लिए नई पीढ़ी कितनी उत्साहित है।
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