योगी सरकार ने 11 लाख से अधिक वनवासियों का जीवन बदला, धरती आबा अभियान से गांवों में नई ऊर्जा

Published : Nov 13, 2025, 04:34 PM IST
yogi adityanath

सार

योगी सरकार उत्तर प्रदेश के जनजातीय समाज के जीवन में बड़ा परिवर्तन लाई है। धरती आबा अभियान, थारू हस्तशिल्प, एकलव्य स्कूल और जनमन योजना जैसी पहलों से शिक्षा, रोजगार, आवास और सम्मान की नई दिशा मिली है।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में जनजातीय समाज के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। यह सिर्फ योजनाओं का विस्तार नहीं, बल्कि सम्मान, अधिकार और समानता की पुनर्स्थापना की कहानी है। लंबे समय तक उपेक्षित रहे जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ते हुए योगी सरकार ने उनकी परंपराओं, जरूरतों और सपनों को शासन की प्राथमिकता बनाया है। मुख्यमंत्री का मानना है कि असली विकास वही है जो वंचितों तक पहुंचे और अंत्योदय से सर्वोदय का मार्ग बनाए।

11 लाख से अधिक जनजातीय जीवन में आया परिवर्तन

प्रदेश में थारू, बुक्सा, भोटिया, जौनसारी, राजी, गोंड, बैगा, सहरिया, मुसहर और चेरो जैसी जनजातियों के 11 लाख से अधिक लोगों के जीवन को सरकार ने योजनाओं के माध्यम से संवारा है। वनाधिकार अधिनियम के तहत आवासीय अधिकार दिए गए, मुख्यमंत्री आवास योजना से पक्के घर मिले और प्रधानमंत्री जनमन योजना के जरिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क, बिजली और संचार जैसी सुविधाएं सीधे उनके घर तक पहुंचीं। खासकर बुक्सा जनजाति के 815 परिवारों को सभी सुविधाओं से संतृप्त कर एक नई मिसाल कायम की गई।

धरती आबा अभियान से गांवों में नई ऊर्जा

‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ और ‘धरती आबा जनभागीदारी अभियान’ जनजातीय विकास की धुरी बने हैं। इन अभियानों के तहत 26 जिलों के 517 जनजातीय बहुल गांवों में सैचुरेशन आधारित विकास हुआ। यहां तक कि सोनभद्र, ललितपुर, कुशीनगर, बलरामपुर और बिजनौर जैसे जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार हुआ। आयुष्मान कार्ड, उज्ज्वला, जनधन, किसान सम्मान निधि और विश्वकर्मा योजनाएं इन गांवों में 100% तक पहुंची हैं।

थारू हस्तशिल्प से आत्मनिर्भरता की ओर

थारू समाज की कला और परंपराओं को पहचान दिलाने के लिए बलरामपुर के इमिलिया कोडर में थारू संग्रहालय की स्थापना की गई है। लखीमपुर खीरी में बनाई गई थारू हस्तशिल्प कंपनी ने राष्ट्रीय बाजार तक पहुंच का रास्ता खोला है। इसके तहत 371 स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फंड और कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड दिया गया, जिससे जनजातीय महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं।

शिक्षा बनी जनजातीय उत्थान की रीढ़

योगी सरकार ने जनजातीय शिक्षा को प्राथमिकता दी है। एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, सर्वोदय छात्रावास और आश्रम पद्धति स्कूलों के माध्यम से बच्चों को बेहतर शिक्षा और सुविधा दी जा रही है। लखीमपुर खीरी, बहराइच, सोनभद्र और ललितपुर के एकलव्य विद्यालयों ने दूरस्थ इलाकों के बच्चों को नई दिशा दी है। शिक्षा के माध्यम से ये बच्चे अब समाज की मुख्यधारा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

युवाओं को प्रशासनिक सेवाओं में मौका

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि विकास की असली कसौटी “भागीदारी” है। पुलिस भर्ती में आरक्षित सीटों को पूरी तरह भरना इसका प्रमाण है। परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र योजना के तहत 700 से अधिक अभ्यर्थियों का चयन हुआ और 6,500 से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षण मिला। राज्य के आठ उच्च स्तरीय केंद्रों के माध्यम से अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं के लिए नई संभावनाएं बनी हैं।

विमुक्त और घुमंतू समुदायों को स्थायित्व

नट, बंजारा, सांसी, कंजर और कालबेलिया जैसे विमुक्त एवं घुमंतू समुदायों के लिए सरकार ने शिक्षा और आवास योजनाओं के जरिए स्थायित्व लाया है। इन समुदायों के लिए 101 आश्रम पद्धति विद्यालय, 9 सर्वोदय विद्यालय और अनेक छात्रावास चलाए जा रहे हैं। इन्हें सामाजिक सुरक्षा, आवास और रोजगार से जोड़कर सम्मानजनक जीवन प्रदान किया गया है।

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

एग्जाम हॉल में अचानक गिर पड़ा छात्र… कुछ ही मिनटों में खत्म हो गई सांसें, वजह...?
UPKL में तुषार कपूर की एंट्री! गजब गाज़ियाबाद को मिला सेलेब्रिटी सह-मालिक