पति बन गया अघोरी: महाकुंभ में पत्नी को लगा जोर का झटका

Published : Jan 30, 2025, 01:26 PM IST
पति बन गया अघोरी: महाकुंभ में पत्नी को लगा जोर का झटका

सार

महाकुंभ मेले में 27 साल से लापता पति मिल गया। लेकिन अघोरी बाबा बने पति ने पत्नी और बच्चों को देखकर जो प्रतिक्रिया दी, वो हैरान करने वाली है।   

महाकुंभ मेला (Mahakumbh Mela) में एक तरफ जहां भगदड़ में 30 लोगों की मौत का गम है, वहीं दूसरी तरफ कई अनोखी घटनाएं भी देखने को मिल रही हैं। कुंभ मेला कुछ लोगों को प्रसिद्धि दिला रहा है, तो कुछ लोगों के लिए धन का जरिया बन गया है। अब 27 साल से लापता एक व्यक्ति अपने परिवार को मिल गया है। महाकुंभ मेले में एक महिला ने अपने पति को पहचान लिया। वो पति अब एक अघोरी (Aghori) बन चुका था। 

झारखंड की एक महिला को उसका पति मिल गया है। 1998 में गंगराज यादव नाम का व्यक्ति घर छोड़कर चला गया था। अपनी पत्नी और दो छोटे बच्चों को छोड़कर वो कहीं चला गया था। अब गंगराज एक अघोरी बाबा बन गए हैं। लोग उन्हें बाबा राजकुमार के नाम से जानते हैं। अब गंगराज की उम्र 65 साल है। पटना गए गंगराज वापस घर नहीं लौटे थे। लापता गंगराज को परिवारवालों ने बहुत ढूंढा, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। गंगराज की पत्नी धनवा देवी ने अकेले ही अपने दोनों बच्चों कमलेश और विमलेश को पाला। 

गंगराज कैसे मिले? : महाकुंभ मेले में गए गंगराज के रिश्तेदारों ने अघोरी वेश में गंगराज को पहचान लिया। उन्होंने फोटो खींचकर गंगराज के भाई को भेज दी। फोटो देखकर हैरान भाई मुरली यादव ने बताया, "हमने भाई की तलाश की उम्मीद छोड़ दी थी, वो कहां हैं हमें नहीं पता था। फोटो देखते ही धनवा देवी और दोनों बच्चों के साथ महाकुंभ मेले के लिए निकल पड़े।" 

परिवार को देखकर अघोरी की प्रतिक्रिया क्या थी? : पत्नी, भाई और दोनों बच्चों के सामने आने पर भी अघोरी ने उन्हें नहीं पहचाना। उन्होंने अपनी पुरानी पहचान को पूरी तरह से नकार दिया। गंगराज होने की बात बाबा राजकुमार ने नहीं मानी। "मैं वाराणसी का साधु हूं, गंगराज कौन है मुझे नहीं पता," राजकुमार ने कहा। उनके साथ मौजूद साध्वी ने भी इस बात का समर्थन किया। 

परिवार का क्या कहना है? : परिवार वाले राजकुमार को ही गंगराज बता रहे हैं। उनके शरीर पर मौजूद कुछ निशानों के आधार पर उन्हें गंगराज बताया जा रहा है। परिवार ने कुंभ मेला पुलिस से मदद मांगी है। डीएनए टेस्ट कराने की गुहार लगाई है। राजकुमार की असली पहचान का पता लगाने की मांग की है। 

कुंभ मेला खत्म होने तक हम इंतजार करेंगे। जरूरत पड़ी तो डीएनए टेस्ट कराएंगे। अगर हमारी बात झूठी निकली तो हम बाबा राजकुमार से माफी मांगेंगे," गंगराज के भाई मुरली यादव ने कहा। कुंभ मेले से परिवार के कुछ लोग घर लौट आए, लेकिन कुछ लोग वहीं रुक गए हैं। बाबा राजकुमार पर उनकी नजर है। गंगराज जब घर से गए थे तब घर की हालत बहुत खराब थी। पत्नी को जीवन चलाने में बहुत मुश्किल हुई थी। 

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