
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में दिव्यांगजनों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। सरकार ने प्रदेश के सभी 18 मंडलों में नए जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र (DDRC) खोलने को मंजूरी दे दी है। अभी 38 जिलों में ऐसे केंद्र संचालित हो रहे हैं, लेकिन कई स्थानों पर संचालन संबंधी समस्याएं थीं। अब सरकार पूरे ढांचे को नए संसाधनों के साथ मजबूत बनाकर सुचारू रूप से चलाने जा रही है ताकि दिव्यांगजनों को सुविधाएं बिना रुकावट मिल सकें।
कैबिनेट निर्णय की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि नए DDRC खुलने से दिव्यांगजनों को सर्वे, पहचान, शिविर, सहायक उपकरण, कृत्रिम अंग फिटमेंट और प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं एक ही स्थान पर मिलेंगी।
इन केंद्रों पर फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी जैसी चिकित्सीय सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। यूडीआईडी कार्ड और दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवाने में भी अब लोगों को कई बार चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सरकार का मानना है कि यह निर्णय दिव्यांगजनों को योजनाओं का लाभ समय पर दिलाने और उनके पुनर्वास को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
योगी सरकार ने अयोध्या को विश्व स्तर पर सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट ने टाटा सन्स के सहयोग से बनने वाले विश्व स्तरीय ‘मंदिर संग्रहालय’ के दायरे को और बड़ा करने का फैसला लिया है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि टाटा सन्स अपने CSR फंड से एक अत्याधुनिक मंदिर संग्रहालय बनाएंगे और उसका संचालन भी करेंगे। इसके लिए कम्पनी एक्ट 2013 की धारा 8 के तहत एक गैर-लाभकारी SPV बनाया जाएगा, जिसमें भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे। परियोजना हेतु भूमि आवंटन के लिए भारत सरकार, यूपी सरकार और टाटा सन्स के बीच 3 सितंबर 2024 को त्रिपक्षीय एमओयू हस्ताक्षरित किया जा चुका है।
पहले सरकार ने अयोध्या के मांझा जमथरा गांव में 25 एकड़ नजूल भूमि टाटा सन्स को 90 वर्षों के लिए देने की अनुमति दी थी। लेकिन परियोजना की भव्यता को देखते हुए टाटा सन्स ने अधिक भूमि की मांग की। अब अतिरिक्त 27.102 एकड़ और भूमि मिलाकर कुल 52.102 एकड़ भूमि आवास एवं शहरी नियोजन विभाग से पर्यटन विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित की जाएगी। इससे मंदिर संग्रहालय का दायरा काफी बढ़ जाएगा और इसे वैश्विक स्तर की पहचान मिलेगी।
विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय बनने के बाद अयोध्या को एक और मजबूत सांस्कृतिक पहचान मिलेगी। इससे बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे, पर्यटन बढ़ेगा और सरकारी राजस्व में भी वृद्धि होगी। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा और ध्वजारोहण के बाद अयोध्या में पर्यटकों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। अब रोजाना 2 से 4 लाख लोग अयोध्याधाम पहुंच रहे हैं। युवा पीढ़ी, विदेशी पर्यटक तथा भारतीय संस्कृति में रुचि रखने वालों के लिए यह संग्रहालय एक आकर्षक केंद्र बनेगा और अयोध्या के आध्यात्मिक पर्यटन को नई दिशा देगा।
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