
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण और जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘सड़क सुरक्षा मित्र’ कार्यक्रम और ‘राहवीर’ योजना को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रदेश के सभी जनपदों में इन दोनों योजनाओं को सक्रिय रूप से लागू किया जा रहा है।
इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य युवाओं को सड़क सुरक्षा से जोड़ना, आम नागरिकों में जागरूकता बढ़ाना और सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को समय पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराना है। इससे एक ओर सड़क हादसों में कमी आएगी, वहीं दुर्घटना के बाद होने वाली मौतों की संख्या भी घटेगी।
राज्य सरकार ने इन योजनाओं की प्रभावी निगरानी और क्रियान्वयन के लिए जिला सड़क सुरक्षा समितियों को जिम्मेदारी दी है। इन समितियों के माध्यम से सड़क सुरक्षा को एक जन-आंदोलन का रूप दिया जा रहा है, ताकि समाज का हर वर्ग इसमें भागीदार बने।
केंद्र सरकार की ‘सड़क सुरक्षा मित्र’ योजना वर्तमान में उत्तर प्रदेश के 28 जनपदों में सक्रिय है। यह कार्यक्रम युवाओं को सड़क सुरक्षा अभियानों में सक्रिय भागीदार बनाने पर केंद्रित है। अब तक प्रदेश में 423 युवा स्वयंसेवकों ने ‘माय भारत’ पोर्टल पर पंजीकरण कराया है और प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इन स्वयंसेवकों को सड़क सुरक्षा नियमों, दुर्घटना प्रबंधन और जन-जागरूकता अभियानों की जानकारी दी जा रही है।
इस कार्यक्रम के तहत राज्य लोक सेवा फाउंडेशन ने गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) में पहला प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया था। इसमें स्वयंसेवकों को सड़क सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया। सड़क सुरक्षा मित्र कार्यक्रम के लिए 14 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। इसमें 28 जनपदों के लिए प्रति जनपद 50 हजार रुपये का प्रावधान है। यह राशि प्रशिक्षण, जागरूकता कार्यक्रमों और क्षेत्रीय गतिविधियों पर खर्च की जाएगी।
इस कार्यक्रम के सफल संचालन से प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। साथ ही युवाओं में सामाजिक जिम्मेदारी और नागरिक कर्तव्य की भावना भी मजबूत होगी।
‘राहवीर’ योजना सड़क दुर्घटना के बाद के गोल्डन आवर (पहला एक घंटा) में पीड़ित को त्वरित चिकित्सा सुविधा दिलाने पर केंद्रित है। यह योजना सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है। इस योजना के तहत, जो भी व्यक्ति दुर्घटना पीड़ित को समय रहते अस्पताल पहुंचाता है, उसे 25,000 रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। इसका उद्देश्य दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या को कम करना है।
उत्तर प्रदेश में इस योजना के तहत अब तक 5 ‘राहवीर’ चुने जा चुके हैं। ये राहवीर बस्ती, कौशांबी, सीतापुर, अलीगढ़ और कासगंज जनपदों से हैं। प्रत्येक जनपद में सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (ARTO) को इस योजना का नोडल अधिकारी बनाया गया है, ताकि योजना का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।
सबसे अधिक हाईवे और विशाल सड़क नेटवर्क वाले राज्य उत्तर प्रदेश में ये दोनों योजनाएं सड़क सुरक्षा को नया आयाम दे रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में परिवहन विभाग ने आने वाले महीनों में और अधिक प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की योजना बनाई है। सरकार ने नागरिकों, विशेष रूप से युवाओं से अपील की है कि वे इन योजनाओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और प्रदेश की सड़कों को सुरक्षित बनाने में योगदान दें।
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