Mansa Devi Temple Stampede: मनसा देवी से लेकर महाकुंभ तक... साल 2025 की घटनाएं बना रही डर का माहौल

Published : Jul 27, 2025, 12:11 PM IST
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सार

Stampede At Mansa Devi Haridwar: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़ से कई श्रद्धालुओं की मौत हुई। इस हादसे ने देशभर में धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन की गंभीर खामियों को उजागर किया है। इसी साल कई अन्य स्थानों पर भी हुए हैं ऐसे हादसे।

Mansa Devi Temple Stampede: हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ की घटना ने एक बार फिर देश को झकझोर दिया है। श्रद्धालुओं की भीड़, आस्था की पराकाष्ठा और इंतजामों की कमजोरी - जब ये तीनों मिलते हैं, तो नतीजा अक्सर त्रासदी ही होता है। इस हादसे में कई लोगों की जान चली गई और कई घायल हैं। पर क्या यह पहली बार हुआ है? नहीं। यही 2025, अब तक कई बार इस तरह की घटनाओं का गवाह बन चुका है।

तो सवाल उठता है, बार-बार ऐसा क्यों हो रहा है? क्या प्रशासन कुछ सीख नहीं रहा? और क्या श्रद्धा की भीड़ को नियंत्रित करना अब असंभव हो गया है? आइए नजर डालते हैं इस साल की उन प्रमुख भगदड़ घटनाओं पर, जिन्होंने देश को सदमे में डाल दिया।

यह भी पढ़ें: Haridwar Stampede: कौन हैं मनसा देवी, किसकी पुत्री हैं, क्या है इनका नागों से संबंध?

क्यों मची मनसा देवी मंदिर में भगदड़?

हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़ उस वक्त मची, जब मंदिर मार्ग पर एक हाई वोल्टेज बिजली का तार गिर गया। उस वक्त हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़े हुए थे। अचानक हुए इस हादसे से भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोगों की जान चली गई और दर्जनों घायल हो गए।

बेंगलुरु में आरसीबी विक्ट्री परेड बनी मौत की परेड

बेंगलुरु में इस साल की शुरुआत में RCB की विक्ट्री परेड के दौरान भीड़ ने नियंत्रण खो दिया और भगदड़ मच गई। इस घटना में 11 लोगों की मौत हुई थी। कारण बना

  • अत्यधिक भीड़
  • समय पर सूचना का अभाव
  • पुलिस और आयोजकों के बीच तालमेल की कमी

यह भगदड़ धार्मिक नहीं थी, पर यह दिखाती है कि बड़े आयोजनों में भीड़ प्रबंधन कितना जरूरी है।

प्रयागराज में मौनी अमावस्या बना काल

महाकुंभ के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान प्रयागराज में जो भगदड़ मची, उसने 30 लोगों की जान ले ली और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। यहां लोगों की जिद- संगम में एक खास समय पर स्नान करने की -प्रशासन के नियंत्रण से बाहर हो गई। सरकार की रिपोर्ट भले 30 मौतें बताए, मीडिया रिपोर्ट्स इसे कहीं अधिक बताती हैं।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी हुआ भयावह हादसा

कुंभ स्पेशल ट्रेन को लेकर प्लेटफॉर्म की जानकारी में भ्रम फैला और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 18 लोगों की मौत हो गई।

  • पहले कहा गया ट्रेन 12 नंबर प्लेटफॉर्म पर आएगी
  • फिर बताया गया कि ट्रेन 16 नंबर से रवाना होगी
  • लोगों में अफरा-तफरी मच गई और भीड़ एक-दूसरे पर गिर पड़ी

यह हादसा दर्शाता है कि सिर्फ धार्मिक स्थल ही नहीं, भीड़ प्रबंधन हर बड़े स्थान पर चुनौती बना हुआ है।

तिरुपति मंदिर में भी बेकाबू हुई श्रद्धा

तिरुपति बालाजी मंदिर, जो अनुशासन और प्रबंधन के लिए मशहूर है, वहां भी 8 जनवरी को भगदड़ मची।

  • टोकन लेने के दौरान 4,000 से ज्यादा श्रद्धालु जमा हो गए
  • पुलिस भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाई
  • 6 लोगों की जान चली गई

यह घटना बताती है कि सिस्टम कितना भी मजबूत हो, जब भीड़ अनुमान से अधिक हो जाए तो हादसे टलना मुश्किल होता है।

हाथरस: श्रद्धा की भीड़ और 121 लाशें

पिछले साल हाथरस में भोले बाबा की कथा के दौरान 121 लोगों की मौत एक दर्दनाक उदाहरण है।

  • भीड़ ने कथा स्थल को घेर लिया
  • लोग बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए एक-दूसरे पर टूट पड़े
  • हालात बेकाबू हो गए और सैकड़ों लोग दब गए

यह देश की अब तक की सबसे भयावह भगदड़ घटनाओं में से एक रही।

आखिर इन मौतों के लिए कौन जिम्मेदार?

हर बार हादसे के बाद कुछ सवाल ज़रूर उठते हैं:

  1. क्या आयोजकों ने क्षमता से अधिक लोगों को आने दिया?
  2. क्या प्रशासन ने सुरक्षा और इमरजेंसी इंतजाम नहीं किए थे?
  3. क्या लोगों को खुद भी जिम्मेदारी का पालन नहीं करना चाहिए?

यह भी पढ़ें: Mansa Devi Temple Stampede: बिजली का एक तार और मच गया हाहाकार! मनसा देवी मंदिर भगदड़ की कहानी

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