दूरसंचार विभाग (डीओटी) 5जी बैंड में 24.75-27.25 गीगाहर्ट्ज के अतिरिक्त स्पेक्ट्रम के मूल्य और अन्य तौर तरीकों पर जल्द भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की राय लेगा
नई दिल्ली: दूरसंचार विभाग (डीओटी) 5जी बैंड में 24.75-27.25 गीगाहर्ट्ज के अतिरिक्त स्पेक्ट्रम के मूल्य और अन्य तौर तरीकों पर जल्द भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की राय लेगा। दूरसंचार विभाग का इरादा इस नए स्पेक्ट्रम की बिक्री अगले साल किसी समय करने का है। दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
डिजिटल संचार आयोग (डीसीसी) द्वारा 20 दिसंबर को 5.22 लाख करोड़ रुपये की स्पेक्ट्रम नीलामी योजना को मंजूरी दी गई है। यह नया 5जी स्पेक्ट्रम इससे अलग है। डीसीसी द्वारा दी गई मंजूरी के तहत मार्च-अप्रैल, 2020 में 22 सर्किलों में 8,300 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को नीलामी के लिए रखा जाएगा।
2020 में रखना चाहता नीलामी
दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने कहा कि सरकार जल्द 24.75-27.25 गीगाहर्ट्ज वाले 'मिलीमीटर वेव बैंड' के लिए ट्राई के सुझाव मांगेगी। यह 5जी के लिए अत्यधिक मांग वाला बैंड है। सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार विभाग इन अतिरिक्त 5जी बैंड के लिए जनवरी में नियामक से संपर्क करेगा। सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार विभाग हालांकि इस स्पेक्ट्रम को साल के शुरू में बिक्री के लिए रखना चाहता है लेकिन ट्राई के सुझाव में विशेष समयसीमा का उल्लेख होगा।
दूरसंचार विभाग नए 5जी बैंड के स्पेक्ट्रम को 2020 में किसी समय नीलामी के लिए रखना चाहता है। यहां उल्लेखनीय है कि सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने सरकार से 26 गीगाहर्ट्ज बैंड के लिए ट्राई से सुझाव मांगने को कहा था।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)