कौन होगा खरीदार? जियो प्लेटफॉर्म की और 8 फीसदी हिस्सेदारी बेच सकते हैं मुकेश अंबानी

RIL ने अपनी टेलीकॉम इकाई रिलायंस जियो के जियो प्लेटफॉर्म में फेसबुक और सिल्वर लेक को हिस्सा दिया। डील से रिलायंस के हौसले काफी बुलंद है। 

बिजनेस डेस्क। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने हाल ही में फेसबुक और निजी इक्विटी फर्म सिल्वर लेक के साथ बड़ी डील की। डील के तहत RIL ने अपनी टेलीकॉम इकाई रिलायंस जियो के जियो प्लेटफॉर्म में फेसबुक और सिल्वर लेक को हिस्सा बेचा। अब चर्चा है कि रिलायंस, टेलिकॉम इकाई में अभी 8 प्रतिशत हिस्सेदारी और बेच सकती है। 

रिपोर्ट के मुताबिक हालिया डील से रिलायंस के हौसले काफी बुलंद है। कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स के 8 प्रतिशत हिस्से के लिए बढ़िया निवेशक की तलाश करेगी। ईटी से बैंक ऑफ अमेरिक सिक्योरिटीज ने कहा, "हमारे अनुसार, कंपनी की 8 फीसदी हिस्सेदारी बेची जा सकती है। इसके संकेत कंपनी मैनेजमेंट के बयानों में दिखाता है। हमारा मानना है कि जियो के पास 5G के लिए सबसे बढ़िया मौका है।" फेसबुक के साथ रिलायंस ने 5.7 अरब डॉलर की डील की थी। 

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डील से जियो को क्या फायदा?
हालिया डील की वजह से सिर्फ जियो के साथ ही बाजार में रिलायंस की वित्तीय स्थिति काफी मजबूत हुई है। जियो का बैलेंस शीट ज्यादा बेहतर होगा और माना जा रहा है कि डील के बाद कंपनी को आईपीओ पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि कंपनी ज्यादा नकदी के साथ भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया- जैसे कंपटीटर्स से एक कदम आगे रहेगी। 

5G पर नजर 
इस वजह से 5G की नीलामी में भी कंपनी ज्यादा आक्रामक रह सकती है। टेलिकॉम इंडस्ट्री में अगला चरण 5G ही है। 
अच्छे पार्टनर्स के आने से जियो ग्लोबल मार्केट में मजबूत पकड़ बना सकती है। हालिया समझौतों के बाद स्टॉक मार्केट में भी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर मजबूती से बने हुए हैं। जबकि डील से पहले यह दिखा था कि कंपनी के शेयर काफी नीचे लुढ़क गए थे। 

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