Study: दुनिया में सबसे सस्ता मोबाइल डेटा मिल रहा है भारत में, 1GB डेटा की कीमत 7 रुपए से भी कम

भारत में टेलिकॉम ऑपरेटर्स अपने अलग-अलग डेटा प्लान ऑफर करते हैं, जिनमें रोज 3GB तक डेटा मिलता है। एक स्टडी के मुताबिक, मोबाइल इंटरनेट डेटा सबसे सस्ता भारत में ही है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 25, 2020 11:57 AM IST

टेक डेस्क। भारत में टेलिकॉम ऑपरेटर्स अपने अलग-अलग डेटा प्लान ऑफर करते हैं, जिनमें रोज 3GB तक डेटा मिलता है। एक स्टडी के मुताबिक, मोबाइल इंटरनेट डेटा सबसे सस्ता भारत में ही है। स्टडी के मुताबिक, 2018 के मुकाबले भारत में 1GB मोबाइल डेटा की कीमत में करीब 65 फीसदी की कमी आई है। भारत में लगभग सभी टेलिकॉम कंपनियां डेली डेटा वाले प्लान ऑफर करती हैं। 

कहां हुई यह स्टडी
यूनाइटेड किंगडम की एक फर्म Cable.co.uk ने एक स्टडी के बाद इस बात का खुलासा अपनी रिपोर्ट में किया है कि भारत में मोबाइल डेटा सबसे सस्ता है। Cable.co.uk ने वर्ल्डवाइड मीडिया डेटा प्राइसिंग रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि भारत में यूजर्स को सिर्फ प्रति गीगाबाइट सिर्फ 6.7 रुपए (0.09 डॉलर) देने पड़ते हैं, जो दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम है। इस स्टडी में सामने आया है कि 2018 में 1GB डेटा की कीमत करीब 18.5 रुपए थी, जो 2 साल में 65 फीसदी तक कम हो गई है।

भारत में यूजर्स को मिलता है ज्यादा डेटा
यूएस में 1GB डेटा के लिए यूजर्स को 8 डॉलर (करीब 594 रुपए) और यूके में करीब 1.4 डॉलर (करीब 104 रुपए) देने पड़ते हैं। डेटा की ग्लोबल कॉस्ट यानी दुनियाभर में कीमत का औसत 5 डॉलर (करीब 372 रुपए) प्रति 1GB है। स्टडी करवाने वाली फर्म Cable.co.uk के कंज्यूमर टेलिकॉम्स एनालिस्ट डैन हॉडल ने कहा कि भारत में टेलिकॉम ऑपरेटर्स पहले के मुकाबले ज्यादा डेटा वाले पैक ऑफर कर रहे हैं। समान कीमत वाले प्लान पर ज्यादा डेटा का मतलब है कि 1GB डेटा की कीमत कम होना।

कहां मोबाइल डेटा है सबसे महंगा
स्टडी के लिए 3 फरवरी से 23 फरवरी, 2020 के बीच 228 अलग-अलग देशों के 5,554 मोबाइल डेटा प्लान को एनालाइज किया गया। सबसे महंगा मोबाइल डेटा सेंट हेलेना आइलैंड में है। वहां  1GB डेटा की कीमत 52.5 डॉलर (करीब 3,897 रुपए) है। सबसे सस्ते डेटा वाले टॉप 10 देशों में श्रीलंका और वियतनाम भी शामिल है। भारत में भी अगले 6 महीने में रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन अपने डेटा प्लान महंगे कर सकती हैं। इसके संकेत कंपनियों ने दिए हैं। 

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