भारत में कब-कब हुए सबसे बड़े रैनसमवेयर अटैक, जानें कितना हुआ नुकसान

देश में 300 से ज्यादा छोटे बैंकों में रैनसमवेयर अटैक के कारण कामकाज ठप, UPI से लेनदेन पर भी असर। जानें, भारत में कब-कब हुए बड़े रैनसमवेयर अटैक और क्या थे उनके नतीजे।

Satyam Bhardwaj | Published : Aug 1, 2024 11:29 AM IST

टेक डेस्क : देश में रैनसमवेयर अटैक (Ransomware Attack) की वजह से करीब 300 छोटे बैंकों में कामकाज ठप हो गया है। ये साइबर अटैक स्मॉल बैंकों को टेक्निकल सपोर्ट देने वाले सी-एज टेक्नोलॉजीज पर हुआ है। इस साइबर अटैक का असर उन सहकारी बैंकों और ग्रामीण क्षेत्रीय बैंकों के कस्टमर्स पर सबसे ज्यादा पड़ा है, जो SBI और TCS के जॉइंट वेंचर सी-एज टेक्नोलॉजीज पर डिपेंड हैं। इसकी वजह से यूपीआई से पैसे ट्रांसफर करने में समस्याएं आ रही हैं। पैमेंट सिस्टम देखने वाली NPCI ने बुधवार रात को इसकी जानकारी दी। हालांकि, इस साइबर अटैक में कितना नुकसान हुआ है, इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। ऐसे में आइए जानते हैं भारत में कब-कब बड़े रैनसमवेयर अटैक हुए...

रैनसमवेयर पहली बार कब सामने आया

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रिपोर्ट्स के अनुसार, दुनिया में पहली बार साल 1989 में रैनसमवेयर अटैक हुआ था। तब एड्स रिसर्चर जोसेफ पोप ने 90 देशों में 20,000 फ्लॉपी डिस्क बंटवा दी थी। उन्होंने बताया था कि इन डिस्क में AIDS के खतरों का एनालिसिस है। इन डिस्क में एक मालवेयर प्रोग्राम सेट किया गया था, जो सभी कंप्यूटर सिस्टम में एक्टिव हो गया था। सभी के डेटा चोरी हो गए थे। जिसके बदले 189 डॉलर की फिरौती मांगी गई थी। तब उस अटैक को एड्स ट्रोजन का नाम दिया गया था।

भारत में हुए सबसे बड़े रैनसमवेयर अटैक

1. मई, 2017 में दुनिया के कई देशों में वानाक्राई रैनसमवेयर अटैक हुआ था। तब 2 लाख से ज्यादा कंप्यूटर प्रभावित हुए। भारत भी इसका शिकार बना था। हैकर्स ने कंप्यूटर सिस्टम लॉक कर 300 से 600 की मांग की थी। उस हमले में सबसे ज्यादा असर अमेरिकी हेल्थकेयर सिस्टम पर पड़ा था।

2. 22 मार्च, 2018 को उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम के पंचकुला हेड ऑफिस के कंप्यूटर पर एक मैसेज आया, जिसमें लिखा था कि सिस्टम हैक हो चुका है। इसके बदले में हैकर्स ने 1 करोड़ रुपए की डिमांड की थी, जिसे बिटकॉइन में जमा करने को कहा गया। हालांकि, एक हफ्ते के अंदर सिस्टम रिस्टोर कर लिया गया और फिरौती देने जैसा मामला सामने नहीं आया।

3. 29 अप्रैल, 2019 को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना स्टेट पॉवर यूटिलिटी पर रैनसमवेयर अटैक हुआ था। जिसकी वजह से उनके सिस्टम का कंट्रोल हैकर्स के हाथों में चला गया था। इससे कामकाज प्रभावित हो गया था। उस वक्त भी हैकर्स ने बिटकॉइन में फिरौती की मांग की थी लेकिन बिना पैसे दिए ही कुछ दिनों में सिस्टम रिकवर कर लिया गया था।

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