
Spacex Starship: दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क (Elon Musk) का Starship-36 रॉकेट 19 जून को टेक्सास की स्टारबेस टेस्टिंग (Starbase Testing) टेस्टिंग साइट पर टेस्ट के दौरान धमाके के साथ फट गया। यह धमाका उस वक्त हुआ जब रॉकेट स्टैटिक फायर टेस्ट से गुजर रहा था, अचानक आग का गोला बन गया। रॉकेट के ऊपरी हिस्से से लपटें निकलीं और कुछ ही सेकेंड में पूरा सिस्टम ध्वस्त हो गया।
स्टारशिप कोई मामूली रॉकेट नहीं है। इसे दुनिया का सबसे पावरफुल, फुली-रीयूजेबल स्पेस व्हीकल कहा जाता है। इसकी कुल ऊंचाई 403 फीट है, जो स्टेचू ऑफ लिबर्टी से भी करीब तीन गुना ऊंचा है। इसमें दो मुख्य हिस्से होते हैं। पहला Starship (ऊपरी हिस्सा), यहीं पर इंसानों और कार्गो को चांद, मंगल या अन्य ग्रहों तक भेजने की क्षमता है। दूसरा Super Heavy Booster (निचला हिस्सा), यह 33 Raptor इंजनों से लैस होता है और स्टारशिप को ऑर्बिट तक ले जाने में मदद करता है। ये दोनों हिस्से पूरी तरह से दोबारा इस्तेमाल किए जा सकते हैं, जैसे कोई हवाई जहाज।
| टेस्ट नंबर | समय | स्टेटस |
|---|---|---|
| SN1–SN4 | 2020 | विस्फोट |
| SN8–SN11 | 2020–21 | हवा में उड़ा और फेल |
| SN15 | मई 2021 | पहला सक्सेस |
| IFT-1 | अप्रैल 2023 | उड़ते ही फटा |
| IFT-2 | नवंबर 2023 | इंजन फेल |
| IFT-3 | मार्च 2024 | लैंडिंग फेल |
| IFT-4 | जून 2025 | Starship-36 टेस्ट फेल |
स्टारशिप को सिर्फ चांद तक नहीं, Mars Colonization के लिए डिजाइन किया गया है। मस्क चाहते हैं कि आने वाले 20 सालों में इंसान मंगल पर कॉलोनी बसाए और स्टारशिप इसमें मुख्य भूमिका निभाएगा।