How Smartphone is Tracking You : क्या आपने कभी सोचा है कि आपका स्मार्टफोन आपको जितना समझता है, शायद उतना जितना कोई और नहीं। हर दिन आप जिस फोन को यूज करते हैं, उसी के पास आपकी सबसे प्राइवेट बातें, मूवमेंट्स, लोकेशन और आपकी सोचने की आदतों तक की एक-एक डिटेल्स होती है। ये सिर्फ ट्रैकिंग तक ही सीमित नहीं है, आपका फोन एक 'AI जासूस' की तरह आपके हर बिहैवियर को एनालाइज करता है। तो चलिए जानते हैं आपका फोन आखिर आपके बारे में क्या-क्या जानता है, कौन-कौन से सेंसर आपकी हरकत रिकॉर्ड करते हैं और आपको क्या करना चाहिए?
आप जैसे ही अपने फोन का GPS ऑन करते हैं या वाईफाई से कनेक्ट करते हैं तो आपका फोन मूवमेंट्स ट्रैक करने लगता है। आप किस जगह गए, कितनी देर रुके, किस रास्ते से वापस लौटे, सब कुछ रिकॉर्ड होता रहता है। गूगल टाइमलाइन पर जाकर आप देख सकते हैं कि पिछले महीने कहां-कहां गए। इससे बचने के लिए लोकेशन एक्सेस (Location Access) को सिर्फ उन्हीं ऐप्स को दें जिनमें वाकई जरूरत हो। बैकग्राउंड ट्रैकिंग भी बंद कर दें।
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फोन में सेव हर फोटो का टाइम, लोकेशन और उसमें कौन-कौन हैं, ये सब मेटा डेटा (Meta Data) के रूप में सेव होता है। अगर आप फेस अनलॉक यूज करते हैं, तो आपका बायोमेट्रिक फेस-मैप क्लाउड पर स्टोर हो सकता है। इससे बचने के लिए AI-ऑटो गैलरी ऐप्स को फेस रेकग्निशन एक्सेस बंद करें। फेस अनलॉक (Face Unlock) का इस्तेमाल लिमिटेड रखें।
फोन को पता है कि आपने कब किससे बात की, कितनी देर और किन शब्दों का इस्तेमाल किया। WhatsApp और अन्य चैटिंग ऐप्स के पास आपकी बातों का बिहैवियर एनालिसिस (Sentiment Analysis) तक हो सकता है। ऐसे में सावधानी रखें और क्लाउड बैकअप को एन्क्रिप्टेड रखें। सेंसिबल चैट्स को ऑटो डिलीट मोड पर रखें।
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बहुत से यूजर्स को लगता है कि 'फोन हमारी बातें सुन लेता है' और कई बार ये सच भी होता है। कई ऐप्स बैकग्राउंड में माइक्रोफोन एक्सेस करते हैं, ताकि आपकी इंटरेस्ट प्रोफाइल बनाई जा सके। इससे बचने के लिए सेटिंग में जाकर प्राइवेसी के माइक्रोफोन एक्सेस को अनचाहे ऐप्स से बंद कर दें। ऐप्स को Only while using की परमिशन दें।
आप क्या सर्च करते हैं, कहां रुकते हैं, किस पर क्लिक करते हैं, ये सब गूगल (Google), फेसबुक (Facebook), इंस्टाग्राम (Instagram) जैसे प्लेटफॉर्म की AI को फीड कर रहा है। यहां तक कि आपका कीबोर्ड भी आपकी टाइपिंग स्टाइल से अगला शब्द अनुमानित कर लेता है। इसके लिए प्राइवेट ब्राउजिंग या DuckDuckGo जैसे ब्राउजर का यूज करें। कीबोर्ड ऐप (Keyboard App) की परमिशन Mic, Clipboard जैसे में चेक करें।
एक्सपर्ट्स इससे इनकार करते हैं। उनका कहना है कि टेक्निकली आपका फोन बिना परमिशन कुछ नहीं करता है, लेकिन वो हर छोटी-छोटी परमिशन जो आप बिना पढ़े 'Allow' कर देते हैं, वही धीरे-धीरे आपकी प्राइवेसी को खोखला कर देती हैं।