मेट्रो शहरों में जीवनयापन महंगा होने के कारण लाखों का पैकेज भी कम पड़ जाता है। एक निवेशक ने IT सैलरी को लेकर सवाल उठाया है कि 25 लाख रुपये सालाना कमाई भी आज के समय में कुछ खास नहीं है।
केंद्र बजट के बाद से ही मध्यम वर्ग और टैक्स प्रणाली को लेकर लगातार चर्चा हो रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक और पोस्ट चर्चा का विषय बन गई है। इसमें एक निवेशक ने आज के समय में 25 लाख रुपये सालाना सैलरी मिलने के बाद भी कुछ खास नहीं होने की बात कही है। उनका कहना है कि इस सैलरी से कोई भी बड़ा काम नहीं किया जा सकता है।
शेयर बाजार के जानकार और निवेशक सौरव दत्ता ने मौजूदा सैलरी को लेकर बहस छेड़ दी है। उनके मुताबिक, आज के समय में 25 लाख रुपये सालाना सैलरी कुछ भी नहीं है। 3-5 साल के अनुभव वाला एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी इससे ज्यादा कमा लेता है। उन्होंने अपनी पोस्ट का शीर्षक दिया है, ‘क्या टेक सैलरी बाजार को प्रभावित कर रही है?’
दत्ता का मानना है कि टेक कंपनियों द्वारा दी जा रही मोटी सैलरी बाजार के हिसाब से सही नहीं है। 5 साल के अनुभव के बाद 30 लाख रुपये सालाना सैलरी आम बात हो गई है। सौरव दत्ता ने लिखा है, 'यह जानकर आपको हैरानी होगी कि ये IT वाले कितना कमाने लगे हैं। 5 साल 30 लाख कमाई उनके लिए आम बात है।'
सौरव दत्ता की यह पोस्ट वायरल हो गई है और इस पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। टेक महिंद्रा, TCS और इंफोसिस जैसी भारत की दिग्गज IT कंपनियों में काम करने वाले कई टेक कर्मचारियों को सैलरी स्टैग्नेशन का सामना करना पड़ रहा है। कोविड के बाद से ही IT सेक्टर की हालत खराब है। IT कंपनियों में नियुक्तियां रुकी हुई हैं और कई कंपनियों ने छंटनी की है। ऐसे में सौरव दत्ता की पोस्ट ने लोगों को और भी ज्यादा परेशान कर दिया है।
केवल नाम के एक ट्विटर यूजर ने दत्ता की पोस्ट पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि 10 साल में एक टेक कर्मचारी 25 लाख के पैकेज पर पहुंचता है। 3-5 साल में 30 लाख का पैकेज किसे मिल रहा है? उन्होंने लिखा, ‘मेरे कई दोस्त IT कंपनियों में काम करते हैं। कुछ स्टार्टअप कंपनियां ही इतनी सैलरी दे सकती हैं, बड़ी IT कंपनियां इतना पैकेज नहीं देती हैं।’
एक अन्य यूजर ने लिखा है, 'स्टार्टअप और अमेरिकी कंपनियां ही इतना पैसा दे सकती हैं, भारतीय MNCs में ऐसा संभव नहीं है। 5 साल के अनुभव वाले 20% लोग ही 25 लाख कमा पाते हैं। 80% लोग तो 5 साल में 10 लाख तक भी नहीं पहुंच पाते हैं।' एक अन्य यूजर ने लिखा है कि अब पहले जैसी स्थिति नहीं रही। भारत की टॉप 5 कंपनियां भी अब पहले जैसी सैलरी नहीं दे रही हैं। उन्होंने लिखा, 'मैं आपकी बात से सहमत हूं। मुंबई या बेंगलुरु जैसे शहर में 3-4 लोगों के परिवार के लिए 25 लाख रुपये सालाना कम है।'