इजराइल में मिसाइल अटैक का खतरा मिलते ही एक सायरन बजने लगता है। मोबाइल ऐप वहां के लोगों की जान बचाने का काम आता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिसाइल-रॉकेट के हमलों के खतरों से बचने के लिए इजराइली मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करते हैं।
टेक डेस्क : इजराइल और हमास की जंग ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। इजराइल की सेना ने गाजा पट्टी पर हमले तेज कर दिए हैं। इस हमले में कई लोग मारे गए हैं। दोनों तरफ से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। 7 अक्टूबर को हमास के इजराइल पर हमले के बाद से ही जवाबी कार्रवाई जारी है। इजराइल की बात करें तो वहां मिसाइल अटैक का खतरा मिलते ही एक सायरन बजने लगता है। मोबाइल ऐप वहां के लोगों की जान बचाने का काम आता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिसाइल-रॉकेट के हमलों के खतरों से बचने के लिए इजराइल के लोग मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करते हैं। आइए जानते हैं इस ऐप के बारें में और यह कैसे काम करता है...
इजराइल का सायरन सिस्टम क्या है
इजराइल ने इस तरह से हमले से बचने के लिए पूरे देश में सायरन सिस्टम बनाया है। देश में अलग-अलग जगह शेल्टर होम बनाए गए हैं। आम घरों में भी वहां सेफ रूम बनाए गए हैं। जब भी इजराइल पर रॉकेट या मिसाइल अटैक का खतरा होता है, तब सायरन बजने लगता है। ऐसे में लोग तत्काल शेल्टर में जाकर अपनी जान बचाते हैं।
मिसाइल-रॉकेट हमलों से बचाने वाला ऐप
इजराइल में हर इंसान अपने स्मार्टफोन में Red Alert नाम का एक ऐप रखते हैं। गूगल प्ले स्टोर पर यह ऐप उपलब्ध है। जैसे ही किसी रॉकेट या मिसाइल अटैक की आशंका होती है, तुरंत लोगों के पास एक अलर्ट नोटिफिकेशन आ जाता है। यह शहर और लोकेशन के हिसाब से जानकारी बताता है कि आखिर हमला किस जगह होने वाला है। ऐसे में हर किसी के पास अलर्ट रहने का मौका रहता है।
रॉकेट अलर्ट ऐप के फायदे
जैसे ही इजराइली लोगों के मोबाइल पर अटैक का नोटिफिकेशन आता है, वे तुरंत सुरक्षित ठिकानों पर पहुंच जाते हैं। इस तरह के कई ऐप वहां के लोग इस्तेमाल करते हैं। कुछ ऐप यूजर को चैट करने का ऑप्शन भी उपलब्ध करवाते हैं और अपडेट भी देते रहते हैं। इतना ही नहीं इन ऐप पर अपनी फैमिली और फ्रेंड्स को अपनी सुरक्षा के बारें में भी बता सकते हैं। इन ऐप्स में कॉन्टैक्ट्स जुड़े होते हैं।
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