पानी क्वालिटी कैसी है इसका पता TDS यानी टोटल डिसोल्वड सॉलिड से चलता है। इसे आप किसी एक्सपर्ट्स या TDS मीटर से कर सकते हैं। अगर मीटर में 50 से 100 ppm आता है तो ठीक है। अगर 50 से कम या 100 से ज्यादा आता है तो आपको वाटर प्यूरीफायर की जरूरत हो सकती है।
टेक डेस्क. वाटर प्यूरीफायर को पहले एक लग्जरी और खास प्रोडक्ट समझा जाता था। लेकिन अब इस प्रोडक्ट को लेकर लोगों का नजरिया बदल रहा है। अब इसे एक जरूरी प्रोडक्ट के तौर पर देखा जा रहा है। पहले यह काफी मुश्किल से और महंगा मिलता था। लेकिन अब यह आसानी से और कम कीमत में उपलब्ध हो जाता है। आइए जानते है कि वाटर प्यूरीफायर क्यों और कितना जरूरी है।
अपने घर आने वाले पानी के बारे में जानिए
आपके घर में जो पानी आता है। उसकी क्वालिटी कैसी है इसका पता TDS यानी टोटल डिसोल्वड सॉलिड से चलता है। इसे आप किसी एक्सपर्ट्स या TDS मीटर से कर सकते हैं। अगर मीटर में 50 से 100 ppm आता है तो ठीक है। अगर 50 से कम या 100 से ज्यादा आता है तो आपको वाटर प्यूरीफायर की जरूरत हो सकती है। इसमें 150 से 200 को अच्छा माना जाता है। और 200 से ज्यादा है तो खराब और 400 से ज्यादा है तो इसे बेहद खराब माना जाता है।
वाटर प्यूरीफायर कैसा लें
आपके घर में किस तरह का वाटर प्यूरीफायर लेना है, ये तय आपके घर पानी कहा से आता है। मसलन, बोरवेल या नगर निगम का पानी, कुएं या वॉटर टैंक से आता है। इस हिसाब से तय करना है कि आपको नॉर्मल लेना है या फिर RO+UV। इसमें RO का मतलब रिजर्व ऑस्मोसिस और UV यानी अल्ट्रा वॉइलेट। तटीय इलाकों और बोरवेल के पानी के लिए RO का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, पाइपलाइन यानी नगर निगम और टैंकरों के पानी के लिए UV प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना सही माना जाता है।
कितना बड़ा वाटर प्यूरीफायर लें
अपने परिवार की जरूरत के मुताबिक आपको वाटर प्यूरीफायर लेना चाहिए। इसमें एक सदस्य एक दिन में कितना पानी पीता है, इसका गणित लगाने के बाद 20% और जोड़ लेना है। इस हिसाब से अपने घर के लिए वाटर प्यूरीफायर का चुनाव करना चाहिए। बेहतर क्वालिटी का वाटर प्यूरीफायर 10 हजार की कीमत में ऑनलाइन खरीद सकते हैं।
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