
नई दिल्ली। दूरसंचार मंत्रालय ने स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों को आदेश दिया है कि वे अब हर फोन में सरकारी साइबर सिक्योरिटी ऐप 'संचार साथी' को पहले से इंस्टॉल करके दें। सरकार ने कहा है कि सभी नए डिवाइस में इस ऐप को प्रीलोड करना होगा, जिसे डिलीट नहीं किया जा सकेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने एपल, सैमसंग, वीवो, ओप्पो और श्यओमी जैसी स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों को इसके लिए तीन महीने यानी 90 दिन का समय दिया है।
सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि जनवरी में लॉन्च हुए संचार साथी ऐप की मदद से अब तक 7 लाख से ज्यादा गुम हुए फोन मिल चुके हैं। सिर्फ, अक्टूबर 2025 में ही इसके जरिये 50,000 फोन रिकवर हुए हैं। बता दें कि भारत 1.2 अरब से ज्यादा सब्सक्राइबर के साथ दुनिया के सबसे बड़े स्मार्टफोन मार्केट में से एक है।
मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि जो डिवाइस पहले से इस्तेमाल हो रहे हैं, उनके लिए मैन्युफैक्चरर्स को सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए ऐप को फोन में इंस्टॉल कराना होगा। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य साइबर फ्रॉड, फर्जी IMEI नंबर और फोन चोरी पर लगाम लगाना है। सरकार का कहना है कि संचार साथी ऐप साइबर खतरों को रोकने में मदद करने के साथ ही गुम या चोरी हुए फोन को ट्रैक करने और ब्लॉक करने में हेल्प करता है।
बता दें कि संचार साथी एप एक सरकारी साइबर सिक्योरिटी टूल है, जो 17 जनवरी 2025 को लॉन्च किया गया। एपल और गूगल प्ले स्टोर पर फिलहाल ये वॉलेंटरी डाउनलोड के लिए अवेलेबल है, लेकिन अब नए फोन में पहले से इंस्टॉल मिलेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लॉन्च होने के बाद से संचार साथी ऐप को 5 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है। इस ऐप ने 37 लाख से ज्यादा चोरी हुए या खोए हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक करने में मदद की है, जबकि 3 करोड़ से ज्यादा धोखाधड़ी वाले कनेक्शन भी खत्म किए हैं।