
टेक सेक्टर में Google का अपना अलग दबदबा है, लेकिन अब इसे टक्कर देने के लिए कई खिलाड़ी मैदान में आ चुके हैं। बीते कुछ समय से Jeff Bezos और SoftBank जैसे निवशेकों वाला Perplexity AI धूम मचा रहा है। एआई तक तो ठीक था लेकिन अब बात ब्राउजर तक पहुंच चुकी है।
Google को टक्कर देने के लिए Perplexity ने AI लैस Comet का ब्राउजर लॉन्च किया है जो नॉर्मल ब्राउजर से बिल्कुल अलग है। ये यूजर के लिए सोचने, लिखने यहां तक फैसला लेने की क्षमता भी रखा है। कुल मिलाकर गूगल की तरह यहां पर लोगों को अलग-अलग साइट्स पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उदाहरण के लिए आर्टिकल्स को समरी में देना, ईमेल राइटिंग, मीटिंग शेड्यूलिंग जैसे बेसिक काम भी ये कर सकता है।
Comet फ्री नहीं है। इसका इस्तेमाल वही यूजर्स कर पाएंगे जो 200 डॉलर वाला हर महीनें Perplexity Max Plan देते हैं। AI बेस्ड इस ब्राउजर में प्राइवेसी का ध्यान रखा गया है। दावा है एआई पर्नसल डेटा को ट्रेनिंग के लिए यूज करता है, हालांकि ये डेटा लोकल डिवाइस पर सेव हो जाता है।
Comet में कई एडवांस फीचर्स दिये हैं। जिनमें सबसे प्रमुख AI Assistant Sidebar है। ये आपको ब्राउजर के बिल्कुल किनारे मिलेगा। यहां पर किसी भी ओपन पेज को पढ़कर समझ जाता जा सकता है। साथ ही बिना टैब स्विच किये, वीडियो, आर्टकिल या नोट से जुड़े सवाल पूछ सकते हैं।
जैसा की ये ब्राउजर AI बेस्ड है। इसलिए काम करना थोड़ा आसान हो जाता है। इमेल समरी से लेकर ऑनलाइन खरीद के लिए क्या चुनें, ये कई ऑप्शन खुद बताता है।
डिजाइन की बात करें तो Comet भी क्रोमियम पर बना है। बता दें, इसका इस्तेमाल Chrome Extensions के लिए किया जाता है। ऐसे में यूजर्स को बिल्कुल क्रोम जैसा अनुभव मिलेगा।
ज्यादा ब्राउजर और साइट एड से भरी पड़ी हैं। जो अक्सर यूजर्स को परेशान करती है, इसे ध्यान रखते में रखते हुए Comet में एड को पूरी तरह से ब्लॉक किया गया है, ताकि यूजर बिना किसी दिक्कत के ब्राउजिंग कर सके।
कंपनी का प्लान इसे मल्टीप्लेटफॉर्म के लिए तैयार करना है। फिलहाल आप इसे Mac-Windows में इस्तेमाल करें। इसके अलावा आने वाले वक्त में ये Linux, IOS, Android को भी सपोर्ट करेगा।
बता दें, इंटरनेट ब्राउजिंग के लिए दुनियाभर में Google का दबदबा है। लगभग 3 अरब से ज्यादा लोग गूगल क्रोम का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में गूगल को चुनौती देने के लिए एक बाद एक कंपनी सामने आ रही है। यदि Perplexity का AI ब्राउजर यदि जरा सा भी कामयाब होता है, ये गूगल के लिए बहुत बड़ी चुनौती होगी।
Comet पर दुनिया की निगाहें इसलिए भी हैं, क्योंकि आजकल AI का इस्तेमाल बढ़ गया है। ऐसे में आर्टिफिशियल इंटीलेंस और ब्राउजर का मेल लोगों को भा सकता है। हालांकि ये पूरी तरह से यूजर एक्सपीरियंस पर आधारित है। खैर, देखना होगा, ब्राउजर की दुनिया में Perplexity गूगल को मात दे पाताा है या नहीं।
Perplexity के बाद अब Chatgpt का निर्माण करने वाली कंपनी ओपन एआई भी जल्द AI Browser लॉन्च कर सकती है। हालांकि इसके बारे में अभी कोई ऑफिशियल रिपोर्ट नहीं आई हा।
देखा जाए, धीरे-धीरे अब ब्राउजिंग केवल वेबसाइट का एक जरिया नहीं है, इसे स्मार्ट डिजिटल असिस्टेंट के तौर पर देखा जा रहा है। जो यूजर का काम बिल्कुल आसान कर दें।