
Satya Nadella Microsoft Plan: माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्या नडेला (Satya Nadella) ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने जडसन अल्थॉफ (Judson Althoff) को कंपनी के कॉमर्शियल बिजनेस (Commercial Business) का सीईओ बना दिया है। यह वही यूनिट है जो माइक्रोसॉफ्ट की कुल 282 बिलियन डॉलर सालाना कमाई में से 220 बिलियन डॉलर से ज्यादा लाती है। यह सिर्फ बदलाव नहीं है, इसका मतलब यह भी है कि नडेला अब AI प्लेटफॉर्म, डेटासेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर और सिस्टम्स आर्किटेक्चर पर ज्यादा ध्यान दे सकेंगे। माइक्रोसॉफ्ट पहले ही AI वर्कलोड्स के लिए डेटासेंटर में अरबों डॉलर निवेश कर रहा है। अमेजन, गूगल और OpenAI बैक्ड स्टार्टअप जैसे दिग्गज भी इस रेस में हैं। आइए जानते हैं यह नडेला का यह कदम क्यों खास माना जा रहा है?
ग्रे हेड मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडिंग डायरेक्टर और एडिटर राहुल नील मणि ने अपने Linkedin पोस्ट में इसकी डिटेल्स में जानकारी देते हुए बताया, जब एक CEO, Co-CEO या दूसरे बड़े लीडर को प्रमुख ऑपरेशनल जिम्मेदारी देता है, तो यह सिर्फ मैनेजमेंट रिफॉर्म नहीं होता। जडसन अल्थॉफ को सेल्स, मार्केटिंग, ऑपरेशंस और इंजीनियरिंग की जिम्मेदारी देने का मतलब है कि नडेला अब अपना पूरा फोकस भविष्य की टेक्नोलॉजी और AI पर लगा सकते हैं। आसान भाषा में कहें, तो यह माइक्रोसॉफ्ट की 'डुअल स्पीड मॉडल' है, जो एक फ्यूचर लीडर तैयार करे, दूसरा आज की कमाई और ऑपरेशंस संभाले।
नील मणि के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट पहले भी LinkedIn, GitHub और Microsoft AI जैसी यूनिट्स में 'CEO of X' मॉडल आजमा चुका है। लेकिन कोर कॉमर्शियल बिजनेस देना अलग है। अगर अल्थॉफ सफल होते हैं तो माइक्रोसॉफ्ट दिखा देगा कि उसके पास लीडरशिप की गहराई और मजबूती है। अगर असफल होते हैं तो कंपनी असली उत्तराधिकारी संकट से पहले सीख लेगी। इससे यह भी संकेत मिलता है कि नडेला अपनी लीडरशिप पर निर्भरता कम करना चाहते हैं और टीम को जिम्मेदारी देना चाहते हैं।
राहुल नील मणि के मुताबकि, 'हर बदलाव आसान नहीं होता। टॉप पोजिशन पर अधिकार बांटने से जिम्मेदारी थोड़ी अस्पष्ट हो सकती है। आज की कमाई और लंबी अवधि की R&D प्राथमिकताएं कभी-कभी टकरा सकती हैं। लेकिन नडेला का मानना है कि स्पष्ट जिम्मेदारी और दो अलग-अलग फोकस माइक्रोसॉफ्ट को तेज बनाएगा, धीमा नहीं।'
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