अगर यह टेक्नोलॉजी सफल होती है तो फ्यूचर में काफी कुछ बदल जाएगा। साइंटिस्ट्स के मुताबिक, इससे घर के बाथरूम में लगे शॉवर्स, लाइटिंग, रेजर्स और मोबाइल फोन आसानी से और फ्री ऑफ कॉस्ट चार्ज हो सकेंगे।
टेक डेस्क : वह दिन ज्यादा दूर नहीं जब पेशाब से मोबाइल और लैपटॉप चार्ज होगा ! जी हां आपने सही सुना है। दरअसल, ब्रिटेन के वैज्ञानिक (Britain's scientists) इसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं। जिससे आपकी बॉडी से निकले वेस्ट यानी यूरीन और पोट्टी से बिजली बन सकेगी। यह इतनी बिजली होगी, जिससे छोटो-छोटो गैजेट्स चार्ज हो सकेंगे। आइए जानते हैं क्या है यह नई टेक्नोलॉजी और यह कैसे बिजली बनाती है..
कभी खत्म न होनो वाला सोर्स
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेशाब से बिजली बनाने का काम ब्रिटेन के सांइटिस्ट्स कर रहे हैं। इस एक्सपेरिमेंट्स में काफी सफलता भी मिली है। अगर सब कुछ सही रहा तो जल्द ही यह धरातल पर उतर जाएगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर बॉडी वेस्ट से बिजली बनती है तो भविष्य की टेक्नोलॉजी में काफी कुछ अलग हो सकता है।क्योंकि यह कभी न खत्म होने वाला सोर्स है।
यूरिन से बिजली कैसे बनेगी
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली खबर के मुताबिक, अब तक इतनी बिजली पैदा हो चुकी है, जिसमें मोबाइल फोन को चार्ज किया जा चुका है। वैज्ञानिक पेशाब के साथ कुछ बैक्टीरिया मिलाकर बिजली उत्पन्न कर रहे हैं। यह एक्सपेरिमेंट ब्रिस्टल रोबोटिक्स लेबोरेटरी के साइंटिट्स की टीम की तरफ से किया जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया में 'माइक्रोबायल फ्यूल सेल' का यूज किया जाता है, जो एक एनर्जी कन्वर्टर है। इस सेल में यूरीन से भरे कंटेनर में बैक्टीरिया को डालकर बिजली पैदा की जाती है। हालांकि इस सेल से ज्यादा वोल्ट पैदा नहीं हो सकता।
तो सबकुछ बदल देगा यह एक्सपेरिमेंट
साइंटिस्ट्स का कहना है कि अगर यह टेक्नोलॉजी सफल होती है तो भविष्य में काफी कुछ बदल जाएगा। इससे घर के बाथरूम में लगे शॉवर्स, लाइटिंग, रेजर्स और मोबाइल फोन आसानी से चार्ज हो सकेंगे।
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