दूरसंचार कंपनियों ने बकाए के भुगतान के लिए नया प्रोग्राम बनाने को लेकर कोर्ट में डाली याचिकाएं

भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और टाटा टेलीसर्विसेज समेत दूरसंचार कंपनियों की ताजा अपीलों को अगले हफ्ते सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई।

नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और टाटा टेलीसर्विसेज समेत दूरसंचार कंपनियों की ताजा अपीलों को अगले हफ्ते सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई। कंपनियों ने दूरसंचार विभाग को 1.47 लाख करोड़ रुपये के वैधानिक बकाये के भुगतान के लिए नए सिरे से कार्यक्रम बनाने की मांग करते हुए याचिकाएं लगाई हैं।

प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने ए.एम. सिंघवी और सी.ए. सुंदरम समेत वरिष्ठ अधिवक्ताओं की ओर से पेश दलीलें सुनीं और कहा कि वह नई याचिकाओं को "अगले हफ्ते किसी समय" उसी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करेगी, जिसने इस मामले में पुरानी याचिकाओं पर सुनवाई की है।

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सी.ए. सुंदरम  ने न्यायालय को बताया
सुंदरम ने न्यायालय को बताया, "हम अपनी ओर से किए जाने वाले भुगतान को लेकर विवाद नहीं खड़ा कर रहे हैं बल्कि हम भुगतान के लिए नये कार्यक्रम पर काम करना चाहते हैं।"

पीठ में न्यायमूर्ति एस ए नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी हैं। दूरसंचार कंपनियों ने कहा कि वे चाहती हैं कि उनकी ताजा याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई हो।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "खुली अदालत या फिर चैंबर में सुनवाई पर फैसला संबंधित पीठ लेगी।"

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की पीठ ने दूरसंचार कंपनियों को 1.47 लाख करोड़ रूपये के वैधानिक बकायों की रकम 23 जनवरी तक जमा करने के अपने आदेश पर पुनर्विचार के लिये दायर याचिकायें 16 जनवरी को खारिज कर दी थीं। न्यायालय ने कहा था कि उसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का कोई आधार नजर नहीं आया।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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