मोबाइल यूजर्स के काम की खबर, अब नंबर पोर्ट कराने में नहीं लगेगा ज्यादा समय; प्रक्रिया भी हुई आसान

ट्राई ने मंगलवार को पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) प्रक्रिया के लिए सार्वजनिक नोटिस जारी किया है इससे 16 दिसंबर से पोर्टिंग की प्रक्रिया तेज और अधिक सरल हो जाएगी
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 11, 2019 9:59 AM IST / Updated: Dec 11 2019, 04:03 PM IST

नई दिल्‍ली: अपना मोबाइल नंबर एक टेलीकॉम ऑपरेटर से दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटर या एक सर्किल से दूसरे सर्किल में पोर्ट कराना अब पहले से ज्‍यादा आसान और सस्‍ता होगा। ट्राई ने मंगलवार को पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) प्रक्रिया के लिए सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। इससे 16 दिसंबर से पोर्टिंग की प्रक्रिया तेज और अधिक सरल हो जाएगी।

नई प्रक्रिया यूनीक पोर्टिंग कोड (UPC) का क्रिएशन करने की शर्त के साथ लाई गई है। नए नियम के तहत अब सर्विस एरिया के अंदर अगर कोई पोर्ट कराने के आग्रह करता है तो उसे 3 वर्किंग डे में पूरा करना होगा। वहीं एक सर्किल से दूसरे सर्किल में पोर्ट के आग्रह को 5 वर्किंग डे में पूरा करना होगा।

ट्राई ने कहा कि एमएनपी प्रक्रिया में संशोधन किया गया है। संशोधित एमएनपी प्रक्रिया में यूपीसी तभी बनेगा, जबकि ग्राहक अपने मोबाइल नंबर को पोर्ट करने के पात्र होगा। संशोधित एमएनपी प्रक्रिया 16 दिसंबर से लागू होगी। मोबाइल उपभोक्ता यूपीसी का क्रिएट कर सकेंगे और मोबाइल नंबर पोर्टिंग प्रक्रिया का लाभ उठा सकेंगे।

TRAI के नए नियम में यह भी शामिल

नई प्रक्रिया के नियम तय करते हुए ट्राई ने कहा कि अलग अलग शर्तों  से ही यूपीसी का क्रिएट किया जा सकेगा। उदाहरण के लिए पोस्ट पेड मोबाइल कनेक्शनों के मामले में ग्राहक को अपने बकाया के बारे में संबंधित आपरेटर से प्रमाण लेना होगा।

इसके अलावा मौजूदा आपरेटर के नेटवर्क पर उसे कम से कम 90 दिन तक एक्टिव भी रहना होगा। लाइसेंस वाले सेवा क्षेत्रों में यूपीसी चार दिन के लिए वैलिड होगा। वहीं जम्मू-कश्मीर, असम और पूर्वोत्तर सर्किलों में यह 30 दिन तक वैलिड रहेगा।

(प्रतीकात्मक फोटो)

Share this article
click me!