कोरोना से जंग में काम आ रहे ये वियरेबल डिवाइसेस, पहनने वाले के साथ डॉक्टर को भी अलर्ट

टेक डेस्क। कोरोना वायरस (Covid-19) से जंग में कई डिवाइस की अहम भूमिका है। इनमें वियरेबल यानी शरीर पर पहनने वाले डिवाइस खास हैं। ये कोरोना के खिलाफ डॉक्टरों और मरीजों के काम आ सकते हैं। 

टेक डेस्क। कोरोना वायरस (Covid-19) से जंग में कई डिवाइस अहम भूमिका निभा रही हैं। इनमें वियरेबल यानी शरीर पर पहनने वाले डिवाइस काफी अहम हैं जिनके निर्माण का प्रयास महामारी के बाद दुनियाभर में अब और तेज हो गया है। वैसे महामारी से पहले वियरेबल डिवाइस मौजूद हैं जो डॉक्टरों और मरीजों के काम आ सकते हैं। हम जिन डिवासेस की जानकारी दे रहे हैं उसमें से दो भारत में बने हैं। आइए जानते हैं इन्हें।

#Skinn :- इस डिवाइस का निर्माण कनाडा की एक कंपनी मायेंट ने किया है। इसे शरीर पर कई जगह पहना जा सकता है। इसमें सेंसर्स लगे हैं जो शरीर के लक्षणों जैसे- तनाव, ईसीजी का स्तर, नींद की गुणवत्ता और टेम्परेचर को मापने का काम करत हैं। ये डिवाइस एक तरह से कपड़ों का कलेक्शन है जिसे अंडरवियर, शर्ट्स और सोते समय पहनने वाले मास्क की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।

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#RespiraSense:- इसे पसलियों पर पहना जाता है। इसे आयरलैंड में बनाया गया है। ये सांस पर नजर रखता है और कोरोना की आशंका बताने में मददगार साबित हो सकता है। आयरलैंड की कंपनी पीएमडी सोल्यूसंश ने 2011 में RespiraSense को बनाया था। फिलहाल आयरलैंड में कोरोना के खिलाफ इसे इस्तेमाल भी किया जा रहा है। इसे ब्लूटूथ से कनेक्ट किया जा सकता है जो डॉक्टरों तक आंकड़े भेजता है।

#VitalPatch:- इसे इग्लैंड की कंपनी मेडिबायोसेन्स ने 2011 में बनाया था। इसे कार्डियक सर्जरी वाले मरीज इस्तेमाल करते हैं। फिलहाल कोरोना मरीजों की निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें लगे सेंसर हार्ट रेट, ईसीजी तापमान, सांस लेने की दर और ब्लड ऑक्सीजन लेवल की जांनकारियां देते हैं जो कोरोना मरीजों की निगरानी में काम आ रहा है।

#Life Rx:- इसे अमेरिका की एक स्टार्टअप कंपनी लाइफ थेरेप्यीटिक्स ने बनाया था। ये डिवाइस मेंटल हेल्थ पर नजर रखता है और माना जा रहा है कि कोरोना की वजह से मानसिक रोग से जुड़े मामले बढ़ेंगे और उस स्थिति में ये काम आएगा। ये डिवाइस चिंता और तनाव के लक्षण को मापता है। इसे भारतीय मूल के रोहन दीक्षित ने बनाया था।

#Oura:- ये फिनलैंड में बना डिवाइस है जो रिंग की तरह है। यह स्किन टेम्परेचर और हार्ट रेट को मापता है। इसके जरिए नींद को ट्रैक किया जाता है। फिलहाल डिवाइस को लेकर अभी स्टडी हो रही है कि क्या यह कोरोना के लक्षण को पहचानकर पहनने वाले को इन्फेक्शन के बारे में अलर्ट कर सकता है या नहीं।

#OXI-2 और 98.6 फीवर वाच: - ये अपने चेन्नई में बना डिवाइस है। इसे स्टार्टअप कंपनी हेलिक्सोन ने बनाया है। इसकी कीमत 2500 रुओए है। इसे कलाई या उंगली पर पहना जा सकता है। OXI-2 ऑक्सीजन सैचुरेशन जबकि 98.6 फीवर वाच शरीर के तापमान मापती है और डॉक्टर या अटेंटेंड को बदलाव की जानकारी देती है।

#Vincense:- इसे भी चेन्नई के एक स्टार्टअप मेडियोटेक हेल्थ सिस्टम ने बनाया है। इसकी कीमत 27 हजार रुपये हैं। ये पल्स रेट, ऑक्सीजन लेवल, टेम्परेचर और रेस्पिरेशन रेट को मापता है। इसकी मदद से होम क्वारेंटाइन मरीजों की निगरानी की जा सकती है। ये वालाय डेटा स्मार्टफोन के जरिए क्लाउड सर्वर पर चलता है। इसकी मदद से डॉक्टर कभी भी मरीज की हालत को मॉनिटर कर सकते हैं। 

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