लड़की के बदले लड़की की शादी, जानें क्या है आटा साटा प्रथा, जिससे परेशान होकर 21 साल की लड़की ने की आत्महत्या

सुसाइड नोट में लिखा था, अगर परिवार की मर्जी के खिलाफ तलाक या शादी करना स्वीकार्य नहीं है, तो आटा साटा क्यों स्वीकार्य है। इसी परंपरा से सुमन की शादी हुई थी।

नई दिल्ली. राजस्थान में एक 21 साल महिला ने आत्महत्या कर ली। उसने अपने सुसाइड लेटर में सदियों पुरानी आटा साटा परंपरा को जिम्मेदार ठहराया। सुमन चौधरी राजस्थान के नागौर जिले के नवा कस्बे की रहने वाली थी। उसने दो दिन पहले हेमपुरा गांव में आत्महत्या कर ली गई थी। मौत से पहले उसने एक  सुसाइड लेटर छोड़ा।

सुसाइड नोट में क्या लिखा था?
सुसाइड नोट में लिखा था, अगर परिवार की मर्जी के खिलाफ तलाक या शादी करना स्वीकार्य नहीं है, तो आटा साटा क्यों स्वीकार्य है। इसी परंपरा से सुमन की शादी हुई थी।

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सुमन ने लिखा, इस तरह की सामाजिक बुराई के कारण हजारों लड़कियों का जीवन तबाह हो जाता है। जब एक 17 साल की लड़की की शादी 70 साल के व्यक्ति से कर दी जाती है। समाज अपने बेटों के लिए एक अच्छी दुल्हन पाना चाहता है।

आटा-साटा प्रथा क्या है?
आटा-साटा एक ऐसी व्यवस्था है जहां एक परिवार अपनी बेटी की शादी तभी करता है जब दूसरा परिवार उन्हें अपने परिवार में शादी करने के लिए एक बेटी देने का वचन देता है। शादी के लिए दी जाने वाली लड़कियों की उम्र मायने नहीं रखती। यानी लड़की के बदले लड़की की शादी। एक लड़की की शादी के बदले ससुराल पक्ष को भी अपने घर से एक लड़की की शादी उसके पीहर पक्ष में करनी होती है। इसमें योग्यता मायने नहीं रहती है। 

कुएं में कूदने से मौत हुई
सुसाइड लेटर के वायरल होते ही पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। सुमन के परिवार ने पुलिस को बताया कि वह मानसिक रूप से बीमार थी और कुएं में कूदने से उसकी मौत हो गई। परिवार ने यह भी दावा किया कि विदेश जाने के बाद से उसका पति उसके साथ नहीं रह रहा था। पुलिस ने एक सुसाइड नोट बरामद कर लिया है। उसने सुसाइड नोट में युवाओं से इन रीति-रिवाजों के खिलाफ अभियान शुरू करने को भी कहा है।

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