कोरोना से बच्चे की मौत हो गई, ये कहकर NGO ने छुपाया अपना पाप, लेकिन पोल खुली तो सामने आई बच्चा बेचने की कहानी

अजहरुद्दीन ने एनजीओ के डायरेक्टर शिवकुमार से संपर्क किया। तब उन्हें बताया गया कि बच्चे को कोविड -19 की वजह से राजाजी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को अजहरुद्दीन को खबर मिली कि बच्चे की मौत हो गई है और उसे थानेरी श्मशान घाट में दफना दिया गया है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 2, 2021 10:12 AM IST

नई दिल्ली. तमिलनाडु में पुलिस ने 1 साल के बच्चे को बचाया, जिसे कोविड -19 की वजह से मृत घोषित कर दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने चौंकाने वाले खुलाए किए है। पुलिस को एक बच्चे के लापता होने की शिकायत मिली, जिसके बाद मदुरै का एक एनजीओ इधायम ट्रस्ट जांच के घेरे में आ गया है।
 
तीन बच्चों के साथ महिला को भेजा गया था ट्रस्ट
एक एक्टिविस्ट अजहरुद्दीन ने तीन बच्चों के साथ एक विकलांग महिला को ट्रस्ट में भर्ती कराया था। पति की मृत्यु हो गई थी। ऐसे में परिवार की देखभाल करने वाला कोई नहीं था। अजहरुद्दीन को बाद में बताया गया कि 20 जून को महिला का एक साल का बच्चा उससे अलग हो गया था।

बच्चे की मौत की खबर मिली
अजहरुद्दीन ने एनजीओ के डायरेक्टर शिवकुमार से संपर्क किया। तब उन्हें बताया गया कि बच्चे को कोविड -19 की वजह से राजाजी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को अजहरुद्दीन को खबर मिली कि बच्चे की मौत हो गई है और उसे थानेरी श्मशान घाट में दफना दिया गया है।

अजहरुद्दीन को शक हुआ। उन्होंने सरकारी अस्पताल से जांच की तो पता चला कि उस दिन किसी बच्चे को भर्ती नहीं किया गया था। वह यह जानकर चौंक गया कि अस्पताल में बच्चे का कोई रिकॉर्ड ही नहीं है। उसने तुरंत मदुरै के जिला कलेक्टर अनीश शेखर को खबर किया। फिर मामले की जांच शुरू हुई।

श्मशान का भी दौरा किया गया
पुलिस टीम ने श्मशान का दौरा किया, तब पता चला कि बच्चे को दफनाया नहीं गया था। काफी पड़ताल के बाद पता चला कि 13 जून को मदुरै के इस्माइलपुरम में बच्चे को एक कपल को बेच दिया गया। 

पुलिस को पता चला कि एनजीओ की एक और बच्ची को भी इसी तरह से 16 जून को करुप्पयुरानी में बेचा था। पुलिस ने एनजीओ को सील कर दिया और उसमें रहने वालों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया। फरार चल रहे एनजीओ निदेशक शिवकुमार की तलाश की जा रही है।

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