एम्स में 20 सालों तक रही दुकान, इलाज के लिए नहीं मिला बेड, लास्ट मैसेज था- तबियत खराब है, दुकान बंद रहेगी

एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स और मेडिकल स्टूडेंट्स उन्हें 'रहमत अंकल' के नाम से जानते थे।  अंतिम समय में उन्होंने अपने संपर्कों के माध्यम से घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की लेकिन कोरोना वायरस के कारण उनकी मौत हो गई।

Asianet News Hindi | Published : Apr 24, 2021 9:52 AM IST

नई दिल्ली. दिल्ली के एम्स (AIIMS) में 20 साल से जनरल स्टोर (shopkeeper) चला रहे रहमत अहसन (Rahmat uncle) की गुरुवार को मौत हो गई। वो कोरोना संक्रमित (coronavirus) थे और इलाज के लिए उन्हें की बेड नहीं मिला जिस कारण उनका निधन हो गया।  रहमत ने कुछ दिन पहले ही अपने दुकान पर एक नोटिस लगाया था। जिसमें लिखा था 'तबियत खराब है, आज दुकान बंद रहेगी।' उनकी यह पोस्ट अब सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। 

रहमत अंकल के नाम से थे फेमस
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स और मेडिकल स्टूडेंट्स उन्हें 'रहमत अंकल' के नाम से जानते थे।  वो हमेशा मदद के लिए तैयार रहते थे। रहमत अहसन 49 साल के थे। उन्हें कुछ दिनों से बुखार और बेचैनी थी। बुधवार को उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। एम्स में लंबे समय से दुकान चलाने के बाद भी उन्हें इलाज के लिए वहां बेड नहीं मिला। 

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मदद के लिए आए थे आगे
एक हेल्थ वर्कर ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि - वह इतने सालों तक परिसर का एक हिस्सा रहे। उनके परिवार ने एम्स में एक बेड पाने के लिए बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं मिला। मुझे याद है कि जब महामारी शुरू हुई और अन्य सभी स्टोर बंद थे, तो उसने हमें बताया कि वह कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में हमारे साथ है। वह हमारी मदद के लिए अपने स्टोर को  24 घंटे खुला रखने के लिए सहमत हो गए थे लेकिन किसी कारण से, प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। वह हमेशा मदद के लिए तैयार रहते थे। एमबीबीएस थर्ड ईयर के एक छात्र ने कहा- वह हमेशा शांत रहते थे। कैंपस में लगभग हर कोई उन्हें जानता था क्योंकि वह बहुत ही मिलनसार थे। जब हमारे पास किसी पैसे नहीं होते थे तो वह बाद में देना कहकर समान देते थे। 

मुश्किल से मिला ऑक्सीजन सिलेंडर
रहमत के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी 14 साल की जबकि छोटी बेटी 12 साल की है। उनके एक रिश्तेदार अबू जीशान ने बताया- 'उन्हें कुछ दिनों से बुखार था और बुधवार को यह गंभीर हो गया। हमने उसे डीआरडीओ सुविधा में भर्ती कराने की कोशिश की और नहीं कर सका। हमें पता था कि एम्स में बेड नहीं थे। उनका एंटीजन टेस्ट पॉजिटिव था लेकिन हम RTPCR टेस्ट नहीं करवा पाए। अंत में, हमने उनके संपर्कों के माध्यम से घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की। लेकिन गुरुवार सुबह 6:30 बजे उनका निधन हो गया।

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