आकाशगंगा में दिखी रहस्यमयी चीज, वैज्ञानिक भी हुए हैरान, बोले-ऐसा पहले कभी नहीं देखा

ऑस्ट्रेलियाई खगोलविदों ने आकाशगंगा में एक अनजान वस्तु की खोज की है। वैज्ञानिकों को कहना है कि ब्रह्मांड में ऐसी रहस्यमयी वस्तु पहली बार देखी गई है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 29, 2022 8:29 AM IST / Updated: Jan 29 2022, 02:01 PM IST

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलियाई खगोलविदों (Australia Astronomer) ने आकागंगा (Milky Way) में एक अनजान वस्तु (spooky spinning object) की खोज की है। इसे देखकर वैज्ञानिक अंचभित रहे गए हैं। खगोलविदों कहना है कि ऐसी चीज पहले कभी नहीं दिखी है। इसमें हर 18 मिनट बाद रेडियो तरंगों का एक बिस्फोट होता है, जो एक मिनट तक बरकरार रहता है। इसकी खोज सर्वप्रथम कर्टिन यूनिवर्सिटी (Curtin University) के छात्रों ने की।  ब्रह्मांड में आमतौर पर पल्स एनर्जी (Pulse energy) के रूप में ऊर्जा को स्पंदित करने वाली वस्तु को देखा जाता है, लैकिन ऐसी वस्तु पहली बार देखी गई है। 

एक घंटे में तीन बार विस्फोट
इंटरनेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोनॉमी रिसर्च (आईसीएआर) की एक टीम ने ट्वीट कर लिखा कि रेडियो तरंगों की मैपिंग करने वाली एक टीम ने कुछ असामान्य खोज की है, जो एक घंटे में तीन बार ऊर्जा का एक विशाल विस्फोट करती है। और यह खगोलविदों द्वारा पहले देखी गई किसी भी चीज जैसी नहीं है।

पूरी तरह से अप्रत्याशित घटना
एस्ट्रोफिजिसिस्ट नताशा हार्ले वॉकर के मुताबिक यह वस्तु हर 18 मिनट के अंतराल में ऊर्जा फेंक रही है। हार्ले वॉकर के मुताबिक यह पूरी तरह से अप्रत्याशित घटना है। यह एक खगोलविद के लिए डरावना है, क्योंकि इससे पहले आकाश गंगा में ऐसी चीजें नहीं देखी गई हैं।  उन्होंने कहा कि आगे के अध्ययन से हमें यह पता लगेगा कि इस तरह का  वस्तु अकेली है या ब्रह्मांड ऐसी कई तरह की वस्तु नाच रही है.

रहस्य से धीरे-धीरे उठेगा पर्दा
खगोलविदों का कहना है कि यह एक ऐसा रहस्यमयी वस्तु है, जो निश्चित समय के बाद  रेडियो तरंग किरण उत्सर्जित करती है। खगोलविदों ने कहा कि टीम इस नतीजे पर पहुंची है कि यह रहस्यमयी वस्तु ऑब्जेक्ट धरती से 400 प्रकाश दूर स्थित है। इसका बहुत मजबूत चुंबकीय क्षेत्र है और यह बेहद चमकीला है। इसको लेकर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा, लेकिन एक सिद्धांत यह है कि यह वस्तु न्यूट्रोन स्टार या बौना तारा हो सकता है। बौने तारे को मरता हुआ तारा भी कहा जाता है। 

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया में कर्टिन यूनिवर्सिटी के छात्र पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में मुर्चिसन वाइल्डफिल्ड एरे (Murchison Widefield Array) में जब नई तकनीक और टेलीस्कोप से मिल्की वे का निरीक्षण कर रहे थे, इस दौरान उन्हें यह अनजान वस्तु दिखाई पड़ी।   

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