भारत और चीन दोनोंं एक दूसरे के पड़ोसी हैं। मगर खानपान और रहन-सहन बिल्कुल अलग है। दोनों ही देशों के नागरिकों की औसत आयु में भी बड़ा अंतर है। हाल ही में एक रिपोर्ट आई है, जिसमें इस बारे में विस्तार से बताया गया है।
नई दिल्ली। हाल ही में एक रिपोर्ट आई है, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि चीन के लोग भारतीयों के मुकाबले सेहत पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं और इसी का नतीजा है कि चाइनीज लोगों की उम्र भारतीयों के मुकाबले करीब 8 साल तक बढ़ गई है। यह भी दावा किया जा रहा है कि चीन की सरकार अपने नागरिकों के स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान दे रही और उन्हें इसके प्रति जागरूक कर रही है।
दरअसल, भारत और चीन दोनों पड़ोसी देश हैं और दोनों ही विश्व में सबसे अधिक आबादी वाले देश भी है। भारत और चीन की आबादी, दुनिया की कुल आबादी का करीब 40 प्रतिशत है। यह रिपोर्ट चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग यानी नेशनल हेल्थ कमीशन की ओर से जारी की गई है। बीते मंगलवार को जारी हुई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन के लोगों की औसत आयु 77 साल और 9 महीने के करीब है, जबकि भारतीयों की औसत आयु इस समय 67 वर्ष और 7 साल से भी कम पर टिकी है। वहीं, अगले तीन साल में यानी वर्ष 2025 तक चीन इसे करीब छह महीने और बढ़ाकर अपने नागरिकों के औसत आयु का आंकड़ा 78 साल और 3 महीने करना चाहता है।
73 साल में चीन ने औसत आयु की दर काफी ज्यादा बढ़ा ली और दोगुना कर दिया
हालांकि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग की ओर से दिए आंकड़ों पर गौर करें तो दोनों देशों के नागरिकों की औसत आयु में करीब आठ साल का अंतर है। चीन के लिए इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि बीते करीब 73 साल में यह दोगुनी से भी अधिक हुई। दावा किया जा रहा है कि चीन में 1949 में जब कम्युनिस्ट शासन आया, तब वहां नागरिकों की औसत आयु करीब 35 साल थी और भारत में उसके आसपास औसत आयु 32 साल के लगभग थी।
चीन की सरकार नागरिकों के स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान दे रही
दावा यह भी किया जा रहा है कि अगले तीन साल में चीन स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में काफी काम करने जा रहा है। इसके लिए वह बुजुर्गों के बेहतर स्वास्थ्य पर ध्यान देगा। इलाज के लिए नए नर्सिंग होम खुलेंगे और कई पुराने नर्सिंग होम और अस्पतालों में सिर्फ बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए बेड रखे जाएंगे। इस तरह सिर्फ उनके लिए देशभर में करीब एक करोड़ तक बेड रखे जाने की योजना है। बेहतर इलाज के लिए उनका बीमा भी कराया जा रहा है, जिससे दवा और इलाज खर्च में दिक्कत नहीं आए। वहीं, भारत में जनसंख्या के अनुपात में डॉक्टर और स्वास्थ्य सुविधाओं का नहीं होना, गिरती औसत आयु की बड़ी वजह है। इसके अलावा, बहुत से लोग जो स्वास्थ्य सुविधाएं मौजूद हैं, पैसे की कमी के कारण उन तक उनकी पहुंच नहीं है। ऐसे में बेहतर इलाज नहीं होने से भी उनकी असमय मौत हो जाती है।
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