अब चीनी वैज्ञानिकों ने भी माना कि 4.39 अरब साल पहले समुद्र से शुरू हुआ था मानव जीवन। शोध में कुछ ऐसे तथ्य सामने आए जिसने वैज्ञानिकों को सोचने पर मजबूर कर दिया।
बीजिंग. दक्षिणी चीन में जानवरों के एक कब्रगाह से ऐसी खोज हुई है, जिसे देखकर साइंटिस्ट्स हैरान हैं। इस खोज के बाद जो नतीजे सामने आए उससे पता चला कि मानव जीवन की शुरुआत समुद्र में 4.39 अरब वर्ष पहले हुई थी। मजेदार बात यह है कि मानव जीवन की उत्पत्ति के विषय में जो जानकारियां साइंटिस्ट्स आज जुटा रहे हैं, उसका उल्लेख हजारों साल पहले से हिंदू पुराणों में है। ऐसा क्या मिला साइंटिस्ट्स को?
दरअसल, चीन के एक ग्रेवयार्ड में अरबों साल पहले अस्तित्व में रही एक ऐसी मछली के अवशेष मिले हैं, जिसके जबड़े व मुंह हुआ करता था। साइंटिस्ट्स ने इसे अपनी किस्म की पहली मछली और इंसानों का सबसे पहला पूर्वज बताया। जांच में आगे जो तथ्य आए उससे साइंटिस्ट्स के पैरों तले जमीन खिसक गई। ग्रेवयार्ड में मिले मछली के कांटे व हड्डीनुमा अवशेष 4.39 अरब वर्ष पुराने थे।
इस मछली को नाम दिया गया फानजिंगशानिया रेनोवेटा (Fanjingshania renovata)। वैज्ञानिकों ने दावा किया कि ये मछली ग्नेथोस्टोम्स (Gnathostomes) की प्रारंभिक सदस्य रही। यानी ऐसे मुंह और जबड़े वाले जीव जो करोड़ों साल पहले अस्तित्व में थे, जिनमें मछली, पक्षी से लेकर कई तरह के स्तनधारी जीव शामिल थे।
वैज्ञानिकों ने दावा किया कि ये मछली कॉन्ड्रिकथिस प्रजाति की थी यानी ऐसी मछलियां जिनकी संरचना लचीली हड्डियों की होती है। लेकिन हैरान करने वाली बात ये थी कि इसकी उत्पत्ति इन सभी प्रजातियों से पहले हो चुकी थी और उसी वक्त से मानव जीवन भी प्रारंभ हो चुका था। दावा किया गया कि मानव जीवन इसी मछली के द्वारा आगे बढ़ा।
इस खोज में शामिल चाइनीज अकेडमी ऑफ साइंस के प्रोफेसर जू मिन ने दावा किया कि इस खोज से वर्टिब्रेट और यहां तक की इंसानों के विकास को समझने में मदद मिलती है। खासतौर पर हड्डियों के विकास, जबड़े, सेंसरी सिस्टम आदि को अपनाने की विकास यात्रा भी समझी जा सकती है। उन्हाेंने आगे कहा कि इस मछली की हड्डियां बाकी बोनी फिश और इंसानों के बीच कनेक्शन के साथ इनमें हुए व्यापक बदलाव को भी दर्शाती हैं।
हिंदू पुराणों के मुताबिक मत्स्य अवतार भगवान विष्णु का 10 में से पहला अवतार था। भगवान ने प्रलय काल में मछली का अवतार लेकर पृथ्वी पर मौजूद जीवन के जरूरी तत्वों को अपने अंदर समाहित कर लिया था। इसमें वेद भी शामिल थे। प्रलय काल के बाद मत्स्य अवतार की मदद से भगवान ब्रह्मा ने पृथ्वी व मानव जीवन की पुन: स्थापना की।
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