अमेरिका की सबसे बड़ी ईंधन पाइपलाइन पर साइबर अटैक, सरकार ने लगाई इमरजेंसी, हैकरों के कब्जे में 100 GB डेटा

ये अटैक डार्कसाइड नाम के एक साइबर गैंग ने किया है। कोलोनियल नेटवर्क पर अटैक करते हुए करीब 100GB डेटा को अपने कब्ज़े में ले लिया। हैकरों ने इसके लिए पैसे भी मांगे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : May 10, 2021 8:31 AM IST

ट्रेंडिग डेस्क.  अमेरिका में इमरजेंसी (Emergency) घोषित कर दी गई है। यहां की सबसे बड़ी ईंधन पाइपलाइन (Colonial Pipeline) पर हुए साइबर अटैक (Cyber attack) के बाद सरकार ने इमरजेंसी लगाने का फैसला किया है। साइबर अटैक के पीछे कोरोना वायरस को बताया जा रहा है। अमेरिका में संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण इस पाइपलाइन में काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारी और इंजीनियर वर्क फॉर होम हैं। अमेरिका में अभी तक का इसके सबसे बड़ा साइबर अटैक बताया जा रहा है।

इसे भी पढ़ें- चीन 2015 से कोरोना वायरस पर रिसर्च कर रहा, वह इसे जैविक हथियार की तरह इस्तेमाल करना चाहता था: दावा

25 लाख बैरल तेल की सप्लाई
कोलोनियल पाइपलाइन (Colonial Pipeline ) से हर रोज करीब 25 लाख बैरल तेल की सप्लाई होती है। अमेरिका के ईस्ट कोस्ट के राज्यों में डीजल, गैस और जेट ईंधन की 45 फीसदी सप्लाई इसी के द्वारा होती है। साइबर अटैक शुक्रवार को हुआ है। इमरजेंसी की घोषणा के बाद अब डीजल, गैस और ईधन की सप्लाई इस पाइपलाइन की जगह रोड के रास्ते हो सकती है। अगर रोड के रास्ते से सप्लाई होगी तो कीमतें भी 2 से 3 फीसदी बढ़ सकती हैं।

किसने किया अटैक
कहा जा रहा है कि ये अटैक डार्कसाइड नाम के एक साइबर गैंग ने किया है। कोलोनियल नेटवर्क पर अटैक करते हुए करीब 100GB डेटा को अपने कब्ज़े में ले लिया। हैकरों ने कुछ कंप्यूटरों और सर्वरों पर डेटा को लॉक कर दिया और शुक्रवार को पैसे मांगे। उन्होंने धमकी दी है कि अगर पैसे नहीं दिए गए तो वे इस डेटा को इंटरनेट पर लीक कर देंगे। कंपनी के अनुसार,  रविवार की रात तक 4 पाइपलाइनें बंद हैं। जैसे ही हमें साइबर अटैक की जानकारी मिली हमने कुछ लाइनों को काट दिया था जिससे उनपर हमला नहीं हो सके। अब हम इन्हें ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं।

Share this article
click me!