आरोपियों ने महिला से कहा कि वे उसके बच्चों का जन्म प्रमाणपत्र बनवाने में मदद करेंगे, जिससे उसे मुफ्त राशन और दवाएं मिलेंगी। ये कहकर दोनों आरोपी महिला को पश्चिमी दिल्ली के मोती नगर इलाके के ईएसआई हॉस्पिटल ले गए।
नई दिल्ली. दिल्ली में बच्चा चोरों का आतंक है। ये हम नहीं, बल्कि हाल ही हुई घटना से जाहिर होता है। दिल्ली पुलिस ने सात महीने के एक बच्चे को एक कपल के चंगुल से सुरक्षित छुड़ाया है। दोनों ने बच्चे को बेचने के लिए किडनैप किया था। आरोपियों की पहचान चंद्रावती और उसके पति वीरेंद्र के रूप में हुई है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता होने का कर रहे थे नाटक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों आरोपी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता होने का नाटक कर रहे थे। दोनों यानी चंद्रावती और वीरेंद्र ने एक महिला से संपर्क किया, जिसने 7 महीने पहले जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था। महिला हाल ही में दिल्ली आई थी।
आरोपियों ने महिला से कहा कि वे उसके बच्चों का जन्म प्रमाणपत्र बनवाने में मदद करेंगे, जिससे उसे मुफ्त राशन और दवाएं मिलेंगी। ये कहकर दोनों आरोपी महिला को पश्चिमी दिल्ली के मोती नगर इलाके के ईएसआई हॉस्पिटल ले गए।
एक तरफ महिला खुद को डॉक्टर को दिखाने लगी, वहीं दूसरी तरफ आरोपी चंद्रावती बच्चे का फोटो खिंचवाने के बहाने ले गई और वहां से फरार हो गई। महिला ने तुरन्त पुलिस को खबर किया।
आरोपियों को उनके घर से गिरफ्तार किया गया
पुलिस ने पड़ताल शुरू की और जल्द ही दोनों आरोपियों को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया, पीड़ित महिला के जुड़वां बच्चे हैं। आरोपी महिला उसे हॉस्पिटल लेकर आई थी। फिर एक बच्चे को लेकर कुछ देर बाद फरार हो गई। पुलिस ने महिला की लोकेशन ट्रेस करना शुरू किया और उत्तम नगर में उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। बच्चे को भी सुरक्षित बचा लिया गया है।
बच्चे को बेचने के लिए किया था किडनैप
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी महिला ने पूछताछ में कहा कि उसने और उसके पति ने बच्चे की किडनैपिंग इसलिए की थी, क्योंकि वे निसंतान थे। हालांकि, पुलिस पूछताछ से पता चला कि उनके दो बच्चे हैं और उन्होंने बच्चे को किसी को बेचने के लिए उसका किडनैपिंग की।