18 महीने में कैंसर, 3 साल बाद हराया अब 5 साल की उम्र में किया अपना पहला रोजा

दुनियाभर में इन दिनों रमजान का त्योहार मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत 13 अप्रैल से हुई है। ऐसे में रोजे के समय में दुबई से एक खबर सामने आई है कि एक 5 साल के बच्चे ने कैंसर को मात देकर अपना पहला रोजा किया।

दुनियाभर में इन दिनों रमजान का त्योहार मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत 13 अप्रैल से हुई है। ऐसे में रोजे के समय में दुबई से एक खबर सामने आई है कि एक 5 साल के बच्चे ने कैंसर को मात देकर अपना पहला रोजा किया। बच्चे का परिवार उसके इस फैसले के बाद काफी शॉक्ड रह गया। ये मामला दुबई का है। 

सीनियर kg का स्टूडेंट है बच्चा 

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दुबई का रहने वाला 5 साल का बच्चा मोहम्मद नासिर है। वो सीनियर kg का स्टूडेंट है। अपने पहले रोजे को करके वो काफी खुश है। नासिर, सना जावेद और अब्दुल समद का बेटा है, जो कि पाकिस्तान से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन लंबे समय से दुबई के निवासी हैं। नासिर के पैरेंट्स तब शॉक्ड रह गए, जब उन्होंने जाना कि उनका बेटा अपना रमजान का पहला फास्ट करेगा। 

18 महीने की उम्र से लीवर कैंसर से जूझ रहा बच्चा 

नासिर के पिता ने अंग्रेजी वेबसाइट गल्फ न्यूज के साथ बातचीत करते हुए कहा कि वो तब शॉक्ड रह गए जब उन्हें पता चला कि उनका बेटा हैप्टोब्लास्टोमा से पीड़ित है। ये एक तरह का लीवर कैंसर होता है। नासिर जब 18 महीने का था तब से वो इस कैंसर की बीमारी से जूझ रहा है। 2017 में बच्चे को कई सर्जरियां हुईं और उसकी कई किमोथैरेपी भी हुई। 2017 का साल नासिर ने ज्यादातर अस्पताल में बिताया। उसके पिता बताते हैं कि वो एक शांत स्वभाव का बच्चा है। उसे उन्होंने कभी उदास और रोते हुए नहीं देखा। 

3 साल में ही कैंसर को दी मात 

नासिर के पिता ने बताया कि उसका इलाज महज 3 साल तक चला और फिर से कैंसर फ्री कह दिया गया और अब वो 5 साल का है और अपनी बड़ी बहन के साथ रमजान को करने का फैसला किया। उसकी बड़ी बहन 8 साल की उम्र से रमजान कर रही है। 

बड़ी बहन हुई छोटे भाई से प्रेरित 

नासिर के पिता ने कहा कि वो अपनी बड़ी बहन से बहुत प्यार करता है। उसकी बड़ी बहन ने पिछले साल से ही रोजा रखना शुरू किया और इस साल छोटे भाई नासिर ने व्रत करने का फैसला किया। बच्चे के पिता ने कहा कि नासिर ने कभी भी उन्हें परेशान नहीं किया चाहे फिर वो कीमोथैरेपी हो या फिर सर्जरी। बल्कि उसके पिता उसके सब्र को देख शॉक्ड रह जाते हैं। रोजे को लेकर बड़ी बहन की तुलना में नासिर के पिता उसे अच्छा और सबूरी बताते हैं कि बड़ी बहन व्रत के पहले दिन शाम ढलते-ढलते पूछ ही लेती है कि और कितनी देर बची है लेकिन नासिर ने सब्र रखा और समय का इंतजार किया। 

क्या होता है हैप्टोब्लास्टोमा? 

हैप्टोब्लास्टोमा की बात की जाए तो ये एक तरह का बच्चों में होने वाला लीवर कैंसर है, जो कि लाखों में एकाध को अफैक्ट करता है। बच्चों को इससे जन्म के 3 साल तक खतरा रहता है। इसकी वजह से सूजन और दर्द होता है। हालांकि, हैप्टोब्लास्टोमा के होने की वजह के बारे में कोई जानकारी नहीं है। 

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