गाजा पट्टी इजरायल से सटा वह पतला इलाका है जहां फिलिस्तीनी रहते हैं। यहीं से फिलिस्तीनी संगठन हमास के आतंकियों ने इजराइल पर रॉकेट दागे हैं। जिसके बाद से ही इजराइल ने गाजा पट्टी को घेर लिया है और उस पर हमले कर रहा है।
ट्रेंडिंग डेस्क : इजराइल पर हमास के हमले के बाद इजराइली सेना ने गाजा पट्टी (Gaza Patti) में तबाही मचा रखी है। हर तरफ बम, रॉकेट और गोलियों की आवाज ही सुनाई दे रही है। छोटे से गाजा पट्टी में हर तरफ धुंए का गुबार उठ रहा है। हर तरफ लाखों का अंबार लग गया है। गाजा पट्टी की बात करें तो यह इजरायल (Israel) से सटा वह पतला इलाका है जहां फिलिस्तीनी रहते हैं। यहीं से फिलिस्तीनी संगठन हमास के आतंकियों ने इजराइल पर रॉकेट दागे हैं। जिसके बाद से ही इजराइल ने गाजा पट्टी को घेर लिया है और उस पर हमले कर रहा है। आइए जानते हैं गाजा पट्टी की कहानी और हालात...
गाजा पट्टी कितना बड़ा है
गाजा पट्टी (Gaza Strip) इजरायल के दक्षिण-पश्चिम में स्थित एक छोटा सा इलाका है। जिसकी लंबाई 45 किलोमीटर और चौड़ाई 6 से 10 किमील तक है। गाजा पट्टी के तीन तरफ इजराइल का नियंत्रण है। इसके दक्षिण में मिस्र है।
गाजा पट्टी कैसे बना
गाजा पट्टी का इतिहास साल 1948 में इस्राइल के बनने के साथ ही शुरू होता है। जब इजरायल की स्थापना की गई, तब उसके बाद ही अरबों के लिए अर्मिस्टाइस लाइन बनाई गई। जिसमें गाजा पट्टी में सुन्नी मुसलमानों को बसा दिया गया। तब यह तय किया गया था कि इजरायल के अरब मुस्लिम यहीं रहेंगे और यहूदी इजराइल में। उस वक्त यह इलाका मिस्र के नियंत्रण में था।
गाजा पट्टी और इजराइल का संघर्ष कितना पुराना
इतिहासकारों के मुताबिक, जून 1967 में 6 दिनों तक युद्ध लड़ने के बाद इजराइल ने गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया। इसके बाद उसने इस क्षेत्र में कई ऐसे प्रतिबंध लगाए, जिससे अंसतोष बढ़ गया। गाजा पट्टी का एक-तिहाई हिस्सा इजराइल के कंट्रोल में आ गया तो यहां कृषि से जुड़े काम भी प्रभावित हो गए। इतना ही नहीं तब इजराइल ने गाजा से निर्यात होने वाले सभी सामानों पर भी कोटा तय कर दिया। इस तरह के नियम लगाए गए, जिससे इजरायल का सामान बिना किसी रोकटोक यहां आए। इजरायल के इन कदमों के बाद गाजा में उसका विरोध शुरू हो गया और हिंसा बढ़ गई। यहां के लोगों ने इजराइल के नियम कानून मानने बंद कर दिए। इसके बाद इंतिफादा यानी विरोध आंदोलन शुरू हुए।
इजराइल गाजा पट्टी से कब हटा
1967 से पहला इंतिफादा शुरू हुआ और 1993 में तब तक चला जब तक कि गाजा पट्टी को स्वशासन के लिए इजरायल ने मैड्रिड समझौता नहीं किया। हालांकि, कुछ जानकारों का मानना है कि यह प्रदर्शन 1993 के ओस्लो समझौते तक चला था। मई 1994 में जब फिलिस्तीनी-इजरायल के बीच समझौता हुआ, जिसे ओस्लो समझौता कहा जाता है, तब इजराइल ने गाजा पट्टी को फिलिस्तीनी नियंत्रण में देना मंजूर किया लेकिन वहां नया फिलिस्तानी प्राधिकरण बनाने के बाद। फरवरी 2005 में इजरायल ने गाजा पट्टी से अपने बसाए लोगों को हटाना शुरू किया। 12 सितंबर 2005 को इजरायली कैबिनेट ने औपचारिक तौर पर गाजा पट्टी पर इजरायली सैन्य कब्जे को समाप्त करने का ऐलान किया।
गाजा पट्टी में हमास कैसे मजबूत हुआ
कहा जाता है कि साल 2007 में गाजा पट्टी में जो चुनाव हुए, उसमें हमास की जीत हुई। इसके बाद धीरे धीरे इसका पकड़ मजबूत होती गई। गाजा के सरकारी कार्यालयों से लेकर सैन्य विंग तक हमास का पूरा नियंत्रण है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र, इजरायल, अमेरिका और दुनिया के कई देश हमास को आतंकी संगठन मानते हैं। हमास इस इलाके की पूर्ण आजादी की बात करता रहता है। 2007 से लेकर अब तक इजराइल ने हमास के खिलाफ अब तक चार बड़े हमले किए हैं। कहा जाता है कि हमास ने गाजा पट्टी को बिखेरने का काम किया है।
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