भारत की आजादी के 14 साल बाद भी गोवा आजाद नहीं हुआ था। आइए आज Goa Liberation Day पर जानते हैं गोवा की आजादी की कहानी।
ट्रेंडिंग डेस्क. हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय ट्रेवल डेस्टिनेशन गोवा पहले ऐसा नहीं था जैसा आज दिखता है। आज जहां गोवा देश-दुनिया में अपने खूबसूरत समुद्र तट, पार्टी व नाइट लाइफ आदि के लिए मशहूर है तो 61 साल पहले यही गोवा पुर्तगालियों का गुलाम था। भारत की आजादी के 14 साल बाद भी गोवा आजाद नहीं हुआ था। आइए आज Goa Liberation Day पर जानते हैं गोवा की आजादी की कहानी।
पुर्तगालियों के कब्जे में था गोवा
भारत 1947 में भले ही अंग्रेजों के शासन से आजाद हो गया था पर गोवा पर पुर्तगालियों का शासन था। देश को आजादी मिलने के बाद भी पुर्तगाली गोवा छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे। 14 सालों तक पुर्तगालियों से संवाद बनाकर उन्हें गोवा से कब्जा छोड़ने की मांग की जाती पर वे वहां से जाना ही नहीं चाहते थे। जब भारत सरकार को इस मामले में पुर्तगाल सरकार से भी सहायता नहीं मिली तब भारत सरकार ने 'ऑपरेशन विजय' की तैयारी की।
पुर्तागाली मिटा देना चाहते थे भारतीय संस्कृति
गोवा म्यूजियम में इस बात के सबूत मिलते हैं कि पुर्तगालियों ने गोवा की प्राचीन सभ्यता से जुड़ी चीजें और भारतीय संस्कृति को बुरी तरह से तबाह कर ईसाई धर्म लागू करने का मिशन बनाया था। गोवा के कई ऐतिहासिक मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया, जिसमें ज्यादातर शिव मंदिर थे। एक मिशन के तहत धर्म परिवर्तन कराए गए और ईसाई धर्म लागू करने के लिए पुरजोर कोशिश की गई और इसमें कुछ हद तक पुर्तगाली सफल भी रहे।
फिर शुरू हुआ ऑपरेशन विजय
पुर्तगालियों के अवैध शासन को हटाने और गोवा को आजादी दिलाने के लिए भारतीय सेना ने 30 हजार जवानों के साथ ऑपरेशन विजय की शुरुआत की। पुर्तगालियों के पास उस वक्त गोवा में 3 हजार सैनिक थे। अफवाह ये भी थी कि उनपर हमला करने पर उन्हें तत्काल हवाई सहायता भी मिल सकती है पर ऐसा नहीं हुआ। 17 दिसंबर 1961 को भारतीय सेना के 30 हजार जवानों ने गोवा को चारों ओर से घेरा और तीसरे दिन यानी 19 दिसंबर को पुर्तगालियों ने आत्मसमर्पण कर लिया।
गोवा में मनाया जाता है मुक्ति दिवस
19 दिसंबर 1961 को आजाद होने के बाद गोवा राज्य का भारत में विलय हुआ और 30 मई 1987 को उसे राज्य का दर्जा मिला। तभी से 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस (Goa Liberation Day) मनाया जाता है और इसकी आजादी की जंग में शहीद हुए लोगों को मशाल जुलूस निकालकर याद भी किया जाता है। गोवा की प्राचीन सभ्यता, पुर्तगालियों के शासन और विभिन्न शासन काल की सभी जानकारियां कैंडोलिम रोड पर स्थित म्यूजियम ऑफ गोवा से ली जा सकती है।
यह भी पढ़ें : ये है दुनिया में सबसे चौड़े मुंह वाली महिला, एक बार में निगल जाती है पूरा बर्गर
ऐसे ही रोचक आर्टिकल्स के लिए यहां क्लिक करें...