
नई दिल्ली। इंडोनेशिया (Indonesia) में एक महिला और उसके पुरूष दोस्त को अश्लीलता फैलाने का दोषी माना गया। इस जुर्म के लिए दोनों को सरेआम कोड़े मारे गए। असल मुद्दा यह नहीं है बल्कि, बहस इस पर शुरू हो गई है एक ही जुर्म के लिए महिला को सौ मारे गए, जबकि उसके पुरूष दोस्त को सिर्फ 15 कोड़े लगे।
मामला इंडोनेशिया के एकेह (Aceh) शहर का है। यहां के जनरल इन्वेस्टिगेशन डिविजन के प्रमुख इवान नज्जर अलावी (Ivan Najjar Alavi) के मुताबिक, महिला ने शादी के बाद अपने पुरूष दोस्त से शारीरिक संबंध बनाए। कोर्ट में महिला ने अपना जुर्म भी स्वीकार किया। इसके बाद जज ने उसे सख्त सजा देते हुए सरेआम 100 कोड़े मारने का आदेश दिया। वहीं, कोर्ट में महिला का पुरूष दोस्त जिसके साथ उसने संबंध बनाए थे, कोर्ट (Court) में उसने अपना जुर्म स्वीकार नहीं किया। इसे सिर्फ 15 कोड़े मारने की सजा दी गई।
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महिला ने कोर्ट में अपना जुर्म स्वीकार किया
हैरान करने वाला तथ्य यह है कि महिला ने कोर्ट में अपना जुर्म स्वीकार किया तो उसे 100 कोड़े मारे गए, लेकिन जब पुरूष ने आरोप से इंकार कर दिया, मतलब दोनों के बीच संबंध बने ही नहीं तो उसे कम सजा दी गई। महिला ने जिस पुरूष दोस्त के साथ संबंध बनाए वह भी शादीशुदा है और वह उस शहर के फिशरी एजेंसी का प्रमुख है।
कोड़े मारने की सजा कोई पहली बार नहीं
दरअसल, इंडोनेशिया के इस एकेह शहर में महिलाओं को सरेआम कोड़े मारने की सजा कोई पहली बार नहीं है। इससे पहले, भी यहां ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। इंडोनेशिया का यह अकेला ऐसा शहर है जहां सबसे अधिक मुस्लिम आबादी रहती है और यहां शरिया कानून लागू है। लिहाजा, इस शहर में शरिया कानून के तहत सजा दी जाती है। इस शहर में जुआ खेलने, शराब पीने, अश्लीलता फैलाने या फिर समलैंगिकता पूरी तरह प्रतिबंधित है।
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महिला और पुरूष में भेदभाव
इससे पहले भी कई मामले सामने आए हैं, जिसमें पुरुषों को महिलाओं से कम सजा दी गई है। ऐसा ही एक मामला वर्ष 2018 में हुआ, जब एक शादीशुदा महिला और पुरूष को पाम ट्री के बाग में शारीरिक संबंध बनाते पकड़ा गया। मगर यहां महिला को सख्त सजा दी गई, जबकि पुरूष को सिर्फ 15 कोड़े मारे गए।