
नई दिल्ली। International labour Day 2022: आज श्रमिक दिवस यानी मजदूर दिवस है। इसे अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस यानी इंटरनेशनल लेबर डे (International Labour Day) और मई डे भी कहते हैं। यह बात कम लोग ही जानते हैं कि देश में पहली बार 1 मई 1923 भारत की हिंदुस्तान किसान पाटी ने श्रमिक दिवस मनाया था। यह आयोजन तत्कालीन मद्रास में हुआ था। यही नहीं, श्रमिक दिवस की शुरुआत किसने की यह तो अब तक पता नहीं चला, मगर माना जाता है कि पहली बार कनाडा में 1972 में श्रमिक अधिकारों के लिए आंदोलन हुआ।
माना जाता है कि श्रमिक दिवस करीब 135 साल पुरानी घटना की याद में मनाया जाता है। यह पूरी दुनिया में मनाया जाता है। हालांकि, कुछ देशों में इसे अलग-अलग महीनों में मनाते हैं। इसे अंतरराष्ट्रीय लेबर डे भी कहते हैं। आइए आज श्रमिक दिवस पर जानते हैं ऐसे ही कुछ रोचक तथ्य-
- दुनियाभर में करीब 80 देशों में आज के दिन यानी 1 मई को छुट्टी होती है। दूसरी ओर कनाडा में श्रमिक दिवस सितंबर के पहले सोमवार को मनाया जाता है।
- अमरीका में पहली बार 5 सितंबर 1882 को श्रमिक दिवस मनाया गया था। इस आयोजन की खास बात यह थी कि इसमें नेताओं ने नहीं श्रमिकों ने भाषण दिया था। इसमें श्रमिकों ने मांग कि वे काम के दौरान सिर्फ आठ घंटे ही काम करेंगे।
- लंबे समय तक आंदोलन चला और हड़ताल हुई। इससे पहले वहां श्रमिकों से 15-15 घंटे तक काम लिया जाता था। उन्हें एक भी दिन छुट्टी नहीं मिलती थी। इस आंदोलन में यह भी मांग की गई कि उन्हें हफ्ते में एक दिन छुट्टी दी जाएगी।
- आस्ट्रेलिया में खासकर न्यू साऊथ वेल्स तथा साऊथ आस्ट्रेलिया में श्रमिक दिवस अक्टूबर महीने के पहले सोमवार को मनाया जाता है।
- दुनियाभर में तमाम देशों में आज का दिन मई डे के तौर पर मनाया जाता है। हालांकि, अब तक यह सामने नहीं आया कि श्रमिक दिवस का संस्थापक कौन था यानी इस दिन को आधिकारिक तौर पर किसने शुरू किया।
- हालांकि, श्रमिक दिवस की शुरुआ को लेकर लोगों का अलग-अलग मत हैं। कुछ लोग अमरीकन फेडरेशन ऑफ लेबर के संस्थापक पीटर जे. मैकगुरी को इसका श्रेय देते हैं, तो कुछ मानते हैं कि इसकी शुरुआत मैथ्यु मैगुरी ने की।