'मैं पैदा हुआ तो मां मुझे देखकर डर गई, अनाथ छोड़कर चली गई, आज भी डरते हैं और दूर भागते हैं लोग'

Published : May 22, 2022, 09:02 AM IST
'मैं पैदा हुआ तो मां मुझे देखकर डर गई, अनाथ छोड़कर चली गई, आज भी डरते हैं और दूर भागते हैं लोग'

सार

ओटोफेशियल सिंड्रोम से पीड़ित 41 साल के जोसेफ विलियम्स के मुंह में बचपन से जबड़ा नहीं है। पैदा हुए तो मां उन्हें देखकर डर गई और छोड़ गई। किसी और ने गोद लेकर पाला। आज भी जब लोग उनके करीब जाने से डरते हैं, तब वानिया उनकी जिंदगी में आई और 2020 में दोनों ने शादी की। 

नई दिल्ली। अमरीका के शिकागो में जोसेफ विलियम्स रहते हैं। 41 साल के जोसेफ का जीवन अब तक बहुत अजीबो-गरीब और संघर्षमय रहा है। बचपन से ही उन्हें एक ऐसी बीमारी  ने जकड़ा, जिसका खामियाजा वे आज भी भुगत रहे हैं और आगे भी भुगतते रहना पड़ेगा। 

दरअसल, जोसेफ जब पैदा हुए, तब उनके मुंह में जबड़ा नहीं था। ऐसा एक सिंड्रोम की वजह से हुआ। दूसरों से अलग होने से परेशान उनके माता-पिता इस बात को लेकर पशोपेश में थे कि उनका जीवन आगे कैसे गुजरेगा। उनके शरीर की इस बनावट में फर्क और इससे होने वाली समस्याओं से वह कैसे निपटेगा। 

हालांकि, निराश जोसेफ का कहना है कि तमाम मुश्किलों और संघषों का सामने करते हुए अब तक तो जीवन जैसे-तैसे कट गया, आगे का और देखते हैं। जोसेफ के अनुसार, जबड़ा नहीं होने से मेरी जिंदगी काफी मुश्किल दौर से गुजर रही है। जोसेफ के अनुसार, मेरा चेहरा देखकर लोग हैरान रह जाते हैं। चौंक जाते हैं और मुझसे दूर भागते हैं। जब मैं पैदा हुआ तब मेरी मां भी मुझे देखकर चौंक गई थी। कम उम्र में मुझे उन्होंने छोड़ दिया और मुझे किसी और ने गोद लेकर पाला-पोसा। 

सिंड्रोम ने मेरी जिंदगी तबाह कर दी 
जोसेफ के अनुसार, इसमें मेरी कोई गलती नहीं है, क्योंकि यह जन्म से ही ऐसा है। मेरे माता-पिता की भी कोई गलती नहीं है। गलती है तो उस सिंड्रोम की जो मेरे शरीर में पता नहीं कहां से घुस गया। ओटोफेशियल नाम के इस सिंड्रोम ने मेरी जिंदगी तबाह कर दी है। मैं न तो बोल सकता हूं और न ही खाने के लिए कुछ चबा सकता हूं। इसलिए सीधे मुंह से खाना भी नहीं खा सकता। खाने को  पतला करके सीधे एक ट्यूब के जरिए पेट में डालना पड़ता है। इस ट्यूब के जरिए ही सांस ले पाता हूं। 

नकली जबड़ा लगा, लेकिन शरीर को वह स्वीकार नहीं था
जोसेफ दो साल की उम्र से ही साइन भाषा सीख रहे थे, ताकि अपनी बात दूसरों तक पहुंचा सकें और दूसरों की बात खुद समझ सकें। वह मोबाइल में मैसेज के जरिए भी दूसरों से बात करते हैं। जोसेफ के मुताबिक, बचपन में नकली जबड़ा लगाया गया, लेकिन मेरे शरीर को वह स्वीकार नहीं था। जहां मैं काम करता था वहां एक लड़क काम करती थी। नाम था उसका वानिया। पता नहीं उसने मुझमें क्या देखा, क्या अच्छा लगा, मुझसे प्यार कर बैठी। शायद मेरा दिल देखा होगा उसने। हमने 2020 में शादी कर ली। मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि मेरी शादी होगी, वानिया ने मुझे नहीं जिंदगी दी है। 

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