
Hijab Controversy in Karnataka। करीब एक हफ्ते पहले कर्नाटक के गृह मंत्री ने आदेश दिया था दिया था कि स्कूलों में हिजाब (Hijab Controversyf) और भगवा शॉल पहनने की अनुमति नहीं होगी। जिसके बाद से सिर्फ राज्य या देश में नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में इस मामले पर चर्चा शुरू हो गई है। वास्तव में मुस्लिम पहनावा भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए काफी चर्चा का विषय रहता है। जिसमें हिजाब (Hizab) के अलावा और भी कपड़े शामिल हैं। वैसे इस्लामिक क्लोदिंग मार्केट भारत (Islamic Clothing Market) ही नहीं पूरी दुनिया में राइज कर रहा है। भारत में मुस्लिम 2015 से अब तक करीब दोगुना सिर्फ कपड़ों पर खर्च कर चुके हैं। आइए आप पढ़िये पूरी रिपोर्ट।
भारत में करीब करीब दोगुना हो गया इस्लामिक क्लोदिंग मार्केट
www.salaamgateway.com की रिपोर्ट के अनुसार भारत की 180 मिलियन-मजबूत मुस्लिम आबादी ने 2015 में कपड़ों पर अनुमानित 11 बिलियन डॉलर खर्च किए, और यह 13 फीसदी की ग्रोथ के साथ बढ़कर 2020 में करीब 20 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई है। मौजूदा समय में जिसके 23 से 25 बिलियन डॉलर के होने का अनुमान लगाया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में मुसलमानों के बीच मॉडेस्ट क्लोदिंग की जरुरत बढ़ती जा रही है। इसका कारण देश में मुस्लिम आबाद के साथ उनका शहरीकरण और मुस्लिम युवाओं में ब्रांड लेकर जागरुक होना है। ट्रेंडी, मॉडर्न मॉडेस्ट फैशन क्लोदिंग प्रोडक्ट्स की बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए देश में ऑनलाइन पोर्टल लांच हुए हैं। इनमें ईस्टएसेंस, इस्लामिक अटायर और इस्लामिक शॉप शामिल हैं।
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ग्लोबल मार्केट 277 बिलियन डॉलर
ग्लोबल मॉडेस्ट फैशन मार्केट में भी काफी देखने को मिल रही है। वोग बिजनेस की रिपोर्ट में एक रिसर्च का जिक्र किया गया है जिसमें ग्लोबल मॉडेस्ट मार्केट के बारे में जानकारी दी गई है। स्टेट ऑफ द ग्लोबल इस्लामिक इकोनॉमी रिपोर्ट 2020/21 के अनुसार, मॉडेस्ट फैशन इंडस्ट्री की वैल्यू 277 बिलियन डॉलर है और 2024 तक 311 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। मॉडेस्ट फैशन के लिए सबसे बड़े बाजारों में ईरान, तुर्की और सऊदी अरब शामिल हैं।
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किस देश में है सबसे बड़ा मार्केट
अगर मुस्लिम गारमेंट की बात करें तो ईरान दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट है। www.statista.com की रिपोर्ट के अनुसार 2019 में ईरान में इसका मार्केट 53 बिलियन डॉलर का है। जबकि टर्की में 28 बिलियन डॉलर तो साउदी में 21 बिलियन डॉलर का मार्केट है। जबकि पाकिस्तान में 20 बिलियन डॉलर से ज्यादा का मार्केट है। इंडोनेशिया में इसका मार्केट 16 बिलियन का है।
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यूके भी बन रहा है हब
यूनाइटिड किंगडम की बात करें तो arabianbusiness.com की रिपोर्ट के अनुसार हाल के वर्षों में, यूके मल्टी-बिलियन डॉलर के ग्लोबन मॉडेस्ट का अहम हब बन गया है। ब्रिटिश शहर लंदन और विशेष रूप से बर्मिंघम इस्लामी फैशन स्टार्ट-अप के लिए रचनात्मक केंद्र के रूप में उभरे हैं। आईटीसी ट्रेडमैप डाटा के अनुसार,यूके इस्लामिक सहयोग संगठन के 57 देशों को ब्रिटेन की ओर से 2019 में अनुमानित रूप से 328 बिलियन डॉलर कपड़े निर्यात करता था। यूके ओआईसी देशों को कपड़ों का 14वां सबसे बड़ा निर्यातक था और इसके बढ़ने की उम्मीद है।