अब लोगों की डेडबॉडी से बनेगी खाद, मौत के एक महीने के अंदर मुर्दे को खाद बनाकर दे देंगे घर वालों को 

डेड बॉडी को खाद बनाने वाली कंपनी का नाम ‘रीकम्पोज’ है। कंपनी की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक एक डेड बॉडी से 36 बैग मिट्टी के बनेंगे।

Piyush Singh Rajput | Published : Jan 2, 2023 3:54 PM IST / Updated: Jan 02 2023, 09:34 PM IST

ट्रेंडिंग डेस्क. न्यूयॉर्क में जगह की कमी के चलते अब मृतकों की डेडबॉडी को खाद में बदलने का नियम लागू हो गया है। न्यूयॉर्क इसी के साथ इस प्रक्रिया को अपनाने वाला अमेरिका का छठवां राज्य बन गया है। यहां किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के उपरांत उसके शव को विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजार कर खाद बना दिया जाएगा।

घर ले जा सकेंगे डेडबॉडी वाली खाद

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न्यूयॉर्क के तमाम मीडिया हाउस इसे एक बड़ा कदम बता रहे हैं। इस नियम के तहत मृत व्यक्ति का परिवार चाहे तो शव से बनी खाद को अपने साथ ले जाकर बगीजे की मिट्टी में मिला सकता है। या फिर सरकार को दान दे सकता है, जिससे उसे जंगलों में इस्तेमाल किया जा सके। बता दें कि लोगों की डेडबॉडी को खाद बनाने का कानून सबसे पहले अमेरिका के वॉशिंगटन में 2019 में बनाया गया था। इसके बाद 2021 में कोलोराडो और ऑरेगन ने 2021 में वर्मोन्ट और कैलीफोर्निया ने 2022 में इसे लागू किया। अब न्यूयॉर्क ने भी इसे अपना लिया है।  

ऐसे डेड बॉडी को बनाया जाएगा खाद

डेड बॉडी को खाद में बदलने की इस प्रक्रिया को ह्यूमन कम्पोस्टिंग नाम दिया गया है। इस प्रक्रिया में डेड बॉडी को स्टील के एक सिलेंडरनुमा कंटेनर में रखा जाएगा। इसके बाद बॉडी को ऑर्गेनिक मटेरियल से ढक दिया जाएगा। इनकी मदद से डेडबॉडी तेजी से खाद में तब्दील होने लगेगी। पूरी तरह से खाद बनने में डेडबॉडी को एक महीना लगेगा।

एक डेड बॉडी से बनेगी इतनी खाद

डेड बॉडी को खाद बनाने वाली कंपनी का नाम ‘रीकम्पोज’ है। कंपनी की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक एक डेड बॉडी से 36 बैग मिट्टी के बनेंगे। इस प्रक्रिया में दांत और हड्डियां भी मिट्टी बन जाएंगे जबकि किसी व्यक्ति को पारंपरिक तरीके से दफनाने में दांत और हड्डियां इतनी जल्दी डीकंपोज नहीं होते। कंपनी की ओर से कहा गया है कि किसी भी परिवार को मृतक की बॉडी से बनी खाद देने के पहले ये जांच की जाएगी कि उस मिट्टी में कोई हानिकारक पैथोजन न हों।

गंभीर बीमारी से मरने वालों के लिए नहीं होगी ये सुविधा

रीकंपोज कंपनी के मुताबिक टीबी समेत अन्य गंभीर बीमारियों से मरने वाले लोग, या रेडिएशन थेरेपी ले चुके मृतकों के शव को खाद नहीं बनाया जाएगा क्योंकि इससे इंफेक्शन का खतरा रहेगा। रीकंपोज कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अमेरिका के कई राज्यों में अब लोगों को दफनाने की जगह कम पड़ने लगी है, ह्यूमन डीकंपोजिंग इसका सबसे बेहतरीन विकल्प है।

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