
नई दिल्ली. बातचीत के दौरान एक छात्र ने पूछा कि सब्जेक्ट कठिन हो तो क्या करना चाहिए। तब पीएम मोदी ने लता मंगेशकर का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, लता दी को देखिए। उनकी महारत जियोग्राफी भले न हो। संगीत में उन्होंने जो किया है वह हर एक के लिए प्रेरणा का कारण बन गई है। अगर आपको कोई सब्जेक्ट कठिन लगता है तो यह कोई कमी नहीं है। इससे भागिए मत। टीचर्स के लिए मेरी सलाह है कि टाइम मैनेजमेंट के संबंध में सिलेबस से बाहर जाकर उनकी बात करें। उन्हें टोकने के बजाय उन्हें गाइड करें।
"टोकने का मन पर निगेटिव प्रभाव पड़ता है"
"टोकने का मन पर निगेटिव प्रभाव पड़ता है। कुछ बातें क्लास में सार्वजनिक तौर पर कहें। किसी एक बच्चे को सिर पर हाथ रखकर कोई बात कहना बहुत काम आएगा। आपके जीवन में ऐसी कौन सी बातें थीं, जो बहुत कठिन लगती थी। आज आप उसके सरलता से कर पा रहे हैं। ऐसे कामों की लिस्ट बनाइए। इन्हें किसी कागज पर लिख लेंगे तो किसी से कठिन वाला सवाल नहीं पूछना पड़ेगा।"
"सभी विषयों को बराबर समय दीजिए"
"मैं छात्रों से कहना चाहता हूं कि आप सभी विषयों को बराबर समय दीजिए। पढ़ाई के दौरान सबसे पहले कठिन सवाल हल करे क्योंकि इस दौरान आपका दिमाग ताजा रहता है। अगर आप पहले कठिन सवाल हल कर लेते हैं, तो बाद में सरल सवाल तो और भी आसान हो जाएंगे।"
खाली समय में मोदी क्या करते हैं?
पीएम मोदी ने छात्रों से बात करते हुए दिल की बात कही। उन्होंने बताया कि खाली वक्त में वे झूला झूलना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि आज इतनी व्यस्त जिंदगी में जब मुझे खाली समय मिलता है तो मुझे झूला झूलना पसंद करता हूं।